
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की दावों का मखौल उड़ा रही है अधिशासी अधिकारी
नगर पंचायत नानकमत्ता में चल रहा है भ्रष्टाचार का गोरखधंधा
देहरादून/नानकमत्ता। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी एक ओर जहां भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रूख अपनाने का दावा करते फिर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर भ्रष्ट अधिकारी कमीशनखोरी के गोरखधंधे में इस कदर गले तक डूबे हुए हैं कि वे मुख्यमंत्री के दावों पर पलीता लगा रहे है। नगर पंचायत नानकमत्ता की अधिशासी अधिकारी प्रियंका रैकवाल के कारनामों से तो मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के भ्रष्टाचारमुक्त दावों की ही पोल खोल रही है। नगर पंचायत नानकमत्ता में स्ट्रीट लाइट पोल के नाम पर जिस तरह टेंडर के नाम पर घोटाले को अंजाम दिया जा रहा है वह यह बताते के लिए काफी है कि अधिशासी अधिकारी कमीशनखोरी के लिए किसी भी हदतक जाने को तैयार है। प्रियंका रैकवाल के भ्रष्ट कारनामों को लेकर अब शिकायतकर्ता नैनीताल हाईकोर्ट की शरण में जाने की तैयारी में है।
अधिशासी अधिकारी प्रियंका रैकवाल
नगर पंचायत द्वारा फर्जी डीपीआर के आधार पर शासन से स्ट्रीट लाइट के नाम पर 2 करोड़ 27 लाख रूपये का बजट स्वीकृति कराने के बाद अब 50 प्रतिशत कमीशन के लिए जेम पोर्टल के जरिये मनमाने तरीके से अपने चहेते ठेकेदार को टेंडर देने की तैयारी की जा रही है। नगर पंचायत द्वारा एक ऐसी फर्म के नाम पर नानकमत्ता शहर में 279 स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए फर्जी तरीके से डीपीआर बनाकर शासन से स्वीकृत कराकर तीन गुना अधिक दामों पर 2 करोड़ 27 लाख 16 हजार रूपये अनुमानित लागत का टेंडर जारी किया गया। अधिशासी अधिकारी द्वारा जेम पोर्टल पर मनमानी शर्तों के आधार पर बिड जारी कर दी गई। अधिशासी अधिकारी द्वारा बिड में तकनीकी बिड की शर्तें कुछ इस तरह से निर्धारित की गई कि ताकि चहेता ठेकेदार को ही वर्क आर्डर जारी किया जा सके। उक्त निविदा में कुल 05 फर्मों ने प्रतिभाग किया, जिसमें से 02 फर्मो को अयोग्य घोषित करते हुए 03 फर्मों को वित्तीय निविदा हेतु योग्य घोषित किया गया। आश्चर्यजनक यह है कि जिस फर्म मैसर्स चावला कन्स्ट्रक्शन के नाम पर फर्जी तरीके से मनमाने दाम पर डीपीआर बनाकर शासन से स्ट्रीट लाइट के लिए बजट मंजूर हुआ है, तकनीकी निविदा में उसी फर्म को अयोग्य घोषित कर बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। वित्तीय निविदा में शामिल तीन फर्मों मैसर्स आर0के0 इंटरप्राइजेज को एल-1, मैसर्स आर0 के0 ग्रीन एनर्जी को एल-2 व मैसर्स शानवी कारपोरेशन को एल-3 घोषित किया गया है। एल-1 फर्म द्वारा 2 करोड़ 27 लाख 200 रूपये कोट किये गए, जबकि एल-2 व एल-3 द्वारा निविदा में घोषित अनुमानित लागत 2 करोड़ 27 लाख 16 हजार रूपये से अधिक 2 करोड 30 लाख रूपये मूल्य की बिड डाली गई। वित्तीय निविदा के परिणामों से स्पष्ट होता है कि मनचाहे ठेकेदार को टेंडर आवंटित करने के लिए पुलिंग का खेल कराया गया।
अधिशासी अधिकारी प्रियंका रैकवाल द्वारा जहां एक ओर कमीशनखोरी के लिए मनचाहे ठेकेदार को ठेका देने के लिए मनमाने तरीके से टेंडर की शर्ते निर्धारित की गई ताकि कम से कम ठेकेदार निविदा में प्रतिभाग कर सकें और फिर पुलिंग का खेल किया गया। भ्रष्टाचार में डूबी अधिशासी अधिकारी द्वारा नगर पंचायत नानकमत्ता में इससे पहले भी कमीशनखोरी के लिए मनमाने दामों पर लाखों मूल्य के वर्क आर्डर जारी कर भ्रष्टाचार का खेल खेला गया। तीन हजार लीटर का जो वाटर टैंकर दो से ढाई लाख रूपये में कई नगर पालिकाओं द्वारा खरीद की जा रही है वहीं प्रियंका रैकवाल द्वारा उसे 7 लाख 50 हजार रूपये में खरीदकर कर कमीशनखोरी की गई। इसी तरह जो 70 वाट की एलईडी लाइट बाजार में 2 हजार रूपये में उपलब्ध हैं उसे 65 सौ रूपये की दर से खरीद की गई। भ्रष्टाचार का आलम यह है कि जिस हैलोनिक्स कंपनी की 70 वाट की लाइट को 65 सौ की दर से खरीदा गया, उसी हैलोनिक्स कंपनी की ही 70 वाट की एलईडी लाइट कुछ दिन पहले ही 55 सौ की दर पर खरीद की गई। इस तरह कुछ दिन के अंतराल में ही प्रति लाइट के मूल्य में हजार रूपये बढ गए। इसी तरह जिस क्लिीनिंग केमिकल का बाजार मूल्य तीन से चार सौ रूपये प्रति लीटर है उसे कमीशनखोरी के लिए ढाई हजार रूपये प्रति लीटर की दर से खरीदा गया। खरीद के नाम पर नानकमत्ता में भ्रष्टाचार का गोरखधंधा पूरी बेशर्मी से चल रहा है।
देहरादून निवासी अभिनव कुमार द्वारा अधिशासी अधिकारी के कारनामों को लेकर मुख्यमंत्री पोर्टल पर एक शिकायत भी दर्ज कराई गई, लेकिन उस पर प्रियंका रैकवाल द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। एक ओर मुख्यमंत्री पुष्कर धामी सीएम पोर्टल की शिकायतों को गंभीरता से लेने का ढोल पीट रहे हैं वहीं दूसरी प्रियंका रैकवाल जैसे अधिकारी ही मुख्यमंत्री का मखौल उडा रहे हैं। शिकायतकर्ता अभिनव कुमार का कहना है कि भ्रष्टाचार में डूबी अधिशासी अधिकारी के काले कारनामों की जांच की मांग को लेकर वे जल्द ही नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करेंगे। अभिनव कुमार का कहना है कि नानकमत्ता जैसे धार्मिक महत्व के नगर में अधिशासी अधिकारी के भ्रष्ट कारनामों के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच की मांग माननीय हाईकोर्ट से की जाएगी।