दिल्ली: दिल्ली में आज नीति आयोग की बैठक चल रही है. वैसे तो विपक्ष के ज्यादातर नेता इस बैठक में शामिल नहीं हुए हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी इस बैठक में शामिल होने पहुंची थीं. लेकिन वह बैठक बीच में छोड़कर ही बार आ गईं. सीएम बनर्जी का कहना है कि मीटिंग के दौरान उनको बोलने से रोक दिया गया. 5 मिनट बोलने के बाद ही उनको चुप करवा दिया गया . इस बात से नाराज ममता ने बैठक बीच में ही छोड़ दी. ममता बनर्जी ने ये भी कहा कि वो अब इस बैठक में कभी नहीं आएंगी.
वैसे तो विपक्ष के कई नेता इस बैठक में शामिल नहीं हैं.लेकिन ममता बनर्जी ने बैठक में शामिल होकर सभी को चौंका दिया. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अलावा इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों का कोई भी मुख्यमंत्री बैठक (Mamata Banerjee Meeting In Niti Aayog Meeting) में नहीं पहुंचा. बिहार के सीएम नीतीश कुमार से लेकर झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन तक कोई भी इस बैठक में मौजूद नहीं है.
ममता बनर्जी ने की योजना आयोग की बहाली की मांग
नीति आयोग की बैठक में हिस्सा लेने के लिए कई राज्यों के मुख्यमंत्री दिल्ली में इकट्ठा हुए हैं. बैठक में सभी राज्यों को अपनी चिंताओं और अहम मुद्दों को उठाने का मौका मिलेगा. ममता बनर्जी ने कहा,” जब से नीति आयोग की योजना बनी, मैंने एक भी काम होते नहीं देखा है, क्योंकि उसके पास कोई शक्ति नहीं है. पहले योजना आयोग थाय एक मुख्यमंत्री के तौर पर…उस समय मैंने देखा कि एक व्यवस्था थी.”
बैठक में शामिल होने शुक्रवार को दिल्ली पहुंचीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा स्थापित आयोग को खत्म कर योजना आयोग को बहाल किया जाना चाहिए. उन्होंने पत्रकारों के साथ बातचीत में बीजेपी को “टुकड़े-टुकड़े मंच” करार देते हुए कहा कि वह अपने राज्य को विभाजित नहीं होने देंगी.
नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, तमिलनाडु समेत सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने बैठक में आने से इनकार कर दिया है. तमिलनाडु के अलावा बैठक में तेलंगाना, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, केरल और झारखंड के मुख्यमंत्री शामिल नहीं हो रहे हैं.तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करते हुए सोशल मीडिया के जरिए अपनी बात रखी. उन्होंने कहा केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा पेश किया गया बजट बीजेपी का बहिष्कार करने वाले राज्यों और लोगों के प्रति प्रतिशोध की कार्रवाई जैसा लगता है. उन्होंने इस बजट को इंडिया गठबंधन को वोट देने वालों से बदला लेने के लिए तैयार किया है. स्टालिन ने आरोप लगाया कि केंद्र की बीजेपी सरकार लगातार तमिलनाडु की उपेक्षा कर रही है.