केदारनाथ मंदिर में सोने की परत को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व बदरी-केदार समिति के अध्यक्ष रहे गणेश गोदयाल ने इस प्रकरण पर कई गंभीर सवाल उठाते हुए एसआईटी से जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि जब सोने की परत लगाने की बात आई तो मंदिर समिति के अध्यक्ष ने कहा कि 230 किलो सोना एक दानदाता द्वारा दान किया जा रहा है। वहीं अब कहा जा रहा है कि मात्र 23 किलो सोना ही लगाया गया।
उन्होंने कहा कि उक्त दानदाता ने पहले भी इस तरह सोना लगाने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन तब उस समय उसके प्रस्ताव को नामंजूर कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि यह पूरा प्रकरण टैक्स में छूट पाने के लिए 80 जी को लेकर भी जुड़ा हुआ है। गोदियाल ने कहा कि अगर दानदाता ने 230 किलो सोना दिया है और अब 23 किलो की बात हो रही है तो यह मामला और भी गंभीर है। उन्होंने सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस मामले की एसआईटी से जांच होनी चाहिए और मंदिर समिति को उक्त दानदाता का नाम सार्वजनिक करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मंदिर में लगाए गए सोने की भी जांच होनी चाहिए कि जो लगा है वह वास्तव में सोना ही है या कुछ और। उन्होंने कहा कि जब वे 2013-14 में मंदिर समिति के अध्यक्ष थे तो उक्त उद्योगपति ने 500 किलो सोना चढ़ाने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन जब उनकी मंशा पर सवाल उठाए गए तो वे पीछे हट गए।