October 6, 2024

देहरादून। कोरोना का नया वेरिएंट जेएन.1 चिंता का सबब बना गया है। केरल में लगातार आ रहे मामलों क बाद उत्तराखंड का स्वास्थ्य महकमा भी सतर्क हो गया है। स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना के नये वेरिएंट जेएन.1 से बचाव व रोकथाम के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

जारी किए गए अलर्ट के तहत राज्य के अस्पतालों में आने वाले श्वास, फेफड़ों व हृदय रोगियों की सघन निगरानी हो रही है। स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार ने सभी जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को सर्विलांस बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी और तीव्र श्वसन संक्रमण के रोगियों तुरंत रिपोर्टिंग के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा है कि इन रोगियों की कोविड-19 एवं इन्फ्लुएंजा जांच की जाएं। साथ ही रोगियों का विवरण अनिवार्य रूप से आइडीएसपी के अंतर्गत इंटीग्रेटेड हेल्थ इंफॉर्मेशन प्लेटफार्म (आइएचआइपी) पोर्टल में दर्ज किया जाए।

स्वास्थ्य सचिव ने निर्देश दिए हैं कि आम जनमानस में श्वसन स्वच्छता के प्रति जागरूकता के लिए विभिन्न माध्यमों से व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। आम जनमानस से अपील की है कि इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी और तीव्र श्वसन संक्रमण होने पर उचित चिकित्सकीय परामर्श लें और कोई भी दवा चिकित्सकीय परामर्श पर ही लें। पॉजिटिव मरीजों की जीनोम सीक्वेंसिंग उत्तराखंड में मरीजों की कोरोना जांच के साथ ही पॉजिटिव आने वाले सैंपलों की जीनोम सीक्वेसिंग कराई जाएगी। ताकि कोरोना के नए वेरिएंट का पता चल सके।

बता दें, कोरोना वायरस लगातार रूप बदल रहा है और इसके अभी तक कई वेरिएंट सामने आ चुके हैं। हालांकि सभी वेरिएंट घातक नहीं होते। राज्य में लंबे वक्त से कोरोना का कोई मामला नहीं राज्य में लंबे समय से कोरोना का कोई नया मरीज सामने नहीं आया है। राज्य में एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी डा. पंकज सिंह के अनुसार नवंबर माह में और दिसंबर में अभी तक कोरोना का कोई मामला नहीं आया है। आम जन से अपील है कि वह एहतियात बरतें। भीड़भाड़ वाली जगह पर मास्क, शारीरिक दूरी, सैनिटाइजेशन आदि का पालन करें।

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