October 6, 2024

नई दिल्ली: केंद्र के साथ महत्वपूर्ण बैठक से एक दिन पहले हरियाणा से लगी सीमा पर विभिन्न स्थानों पर डेरा डाले हुए पंजाब के प्रदर्शनकारी किसानों ने शनिवार (17 फरवरी) को केंद्र सरकार से फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी के लिए एक अध्यादेश लाने को कहा. द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, शंभू बॉर्डर पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि अगर सरकार किसानों के विरोध का समाधान करना चाहती है तो उसे तुरंत एक अध्यादेश जारी करना चाहिए.

यह उल्लेख करते हुए कि सरकार वर्तमान में ‘ए2 प्लस एफएल’ फॉर्मूले के आधार पर 23 फसलों के लिए एमएसपी की पेशकश करती है, पंढेर ने सुझाव दिया कि वह उसी फॉर्मूले के तहत एक अध्यादेश ला सकती है और फिर सी2+50% फॉर्मूले के आधार पर एमएसपी प्रदान करने पर विचार-विमर्श जारी रख सकती है.

केएमएम और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) – किसानों और खेतिहार मजदूरों के करीब 200 संगठनों के दो प्रमुख निकाय – ने अपनी मांगों को पूरा करने के लिए दबाव बनाने के लिए ‘दिल्ली चलो’ मार्च का आह्वान किया था.

13 फरवरी को जैसे ही पंजाब के किसान हरियाणा के साथ लगी अंतर-राज्यीय सीमाओं शंभू-अंबाला और खनौरी-जींद पहुंचे, उन्हें राज्य में प्रवेश करने से रोक दिया गया; वे तब से वहीं डेरा डाले हुए हैं.

हरियाणा सरकार ने मल्टी-लेयर बैरिकेड्स के साथ व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की थी. आंदोलनकारी किसानों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और पानी की बौछार का इस्तेमाल किया गया.

किसान प्रतिनिधियों और केंद्रीय मंत्रियों के बीच चौथे दौर की बैठक 18 फरवरी (रविवार) को होनी है. शनिवार को अपने विरोध मार्च के पांचवें दिन किसान पंजाब-हरियाणा सीमा के शंभू और खनौरी इलाकों में डटे रहे और हालात शांत रहे.

पंजाब के सबसे बड़े संगठनों में से एक भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) से जुड़े किसान पंजाब के 13 जिलों में करीब दो दर्जन स्थानों पर टोल प्लाजा को मुक्त करके सीमा पर विरोध प्रदर्शन करने वालों के समर्थन में आ गए हैं.

इसके अलावा बीकेयू (उगराहां) के सदस्यों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेताओं के आवासों के पास दो दिवसीय धरना शुरू किया. वे फाजिल्का के पंजकोसी गांव में भाजपा पंजाब अध्यक्ष सुनील जाखड़ के आवास, पटियाला में पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के आवास और बरनाला में पार्टी के वरिष्ठ नेता केवल ढिल्लों के घर के बाहर धरने पर बैठ गए.

हरियाणा में भारतीय किसान यूनियन (चाढूनी) से जुड़े किसानों ने प्रदर्शनकारी किसानों को समर्थन देने के लिए कुरुक्षेत्र, यमुनानगर और सिरसा सहित कई स्थानों पर ट्रैक्टर मार्च निकाला.

इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चाढूनी ने कहा कि राज्य के लगभग सभी तहसील मुख्यालयों पर शांतिपूर्ण ट्रैक्टर मार्च निकाला गया. प्रदर्शनकारी किसानों का समर्थन करने के लिए एक रणनीति तैयार करने हेतु 18 फरवरी को कुरुक्षेत्र में किसानों और खेतिहार मजदूरों की एक ‘महापंचायत’ आयोजित की जाएगी.

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