July 27, 2024

इंडिया गठबंधन के सांसद मणिपुर के दो दिवसीय दौरे पर हैं। उनके दौरे का आज दूसरा और आखिरी दिन है। शनिवार को राहत शिविरों में सांसदों ने पीड़ितों से मुलाकात की थी, उनसे बातकर उनका हाल जाना था। आज इंडिया गठबंधन के सांसदों ने मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके से मिलने इंफाल के राजभवन मुलाकात की।

मणिपुर में INDIA गठबंधन के सांसदों ने राज्यपाल अनुसुइया उइके से की मुलाकात, पीड़ितों की बदहाली को लेकर सौंपा ज्ञापन
मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके से इंफाल में मुलाकात के बाद इंडिया गठबंधन प्रतिनिधिमंडल ने प्रेस से बात की। प्रतिनिधिमंडल के सदस्य और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “सभी 21 सांसदों ने उन्हें ज्ञापन सौंपा। जब हमने उनसे बात की तो उन्होंने खुद अपना दर्द और दुख बयां किया। इस दो दिवसीय यात्रा के दौरान हमने जो कुछ भी देखा, जो भी अनुभव प्राप्त किया, हमने जो कहा, वह उससे सहमत हुईं। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि हम मिलकर सभी समुदायों के नेताओं से बातचीत करें और समाधान निकालें। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि विपक्ष और सत्तारूढ़ दल दोनों को मिलकर एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल मणिपुर भेजना चाहिए और सभी समुदायों के नेताओं से बात करनी चाहिए जो लोगों के बीच अविश्वास की भावना को हल करने के लिए आवश्यक है।”

अधीर रंजन चौधरी ने आगे कहा, “राज्यपाल ने सुझाव दिया है कि मणिपुर की स्थिति का समाधान निकालने के लिए सभी को मिलकर काम करना चाहिए। जैसे ही हमें मौका मिलेगा हम संसद में केंद्र सरकार पर दबाव बनाएंगे और लोगों द्वारा उठाए गए मुद्दों और केंद्र सरकार और राज्य सरकार की ओर से जो कमियां हमने यहां देखी है, उन्हें सामने रखेंगे। हम केंद्र सरकार से अपील करते हैं कि वह देरी न करे, हमारे अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार करे और मणिपुर मुद्दे पर चर्चा करे। स्थिति बिगड़ती जा रही है और इससे राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी चिंताएं बढ़ रही हैं।”

राज्यपाल को सौंपे गए ज्ञापन की कॉपी को शेयर करते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने लिखा, “मणिपुर के लोगों के गुस्से, चिंता, पीड़ा, दर्द और दुख से प्रधानमंत्री पर कोई फर्क नहीं पड़ता। जहां वह अपनी बात सुनाने और करोड़ों भारतीयों पर अपने ‘मन की बात’ थोपने में व्यस्त हैं, वहीं टीम इंडिया के 21 सांसदों का प्रतिनिधिमंडल मणिपुर के राज्यपाल के साथ मणिपुर की बात कर रहा है। उन्हें ज्ञापन दिया गया।”

कांग्रेस सांसद फूलोदेवी नेताम ने कहा, “एक हॉल में 400-500 लोग रह रहे हैं। राज्य सरकार उन्हें केवल दाल-चावल मुहैया करा रही है, बच्चों को पूरे दिन खाने के लिए और कुछ नहीं मिल रहा है।” शौचालय या बाथरूम की कोई सुविधा नहीं। जिस तरह से लोग शिविरों में रह रहे हैं वह बहुत हृदय विदारक है।”

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