October 6, 2024

नई दिल्ली: पाकिस्तान में आम चुनाव से कुछ दिन पहले पूर्वप्रधान मंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को तोशाखाना मामले में बुधवार को 14 साल जेल की सजा सुनाई गई.

पाकिस्तानी दैनिक डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों को 10 साल तक किसी भी सार्वजनिक पद पर रहने से रोक दिया गया है और प्रत्येक पर 787 मिलियन पाकिस्तानी रुपये (लगभग 23 करोड़ रुपये) का जुर्माना लगाया गया है.

पाकिस्तान में आठ फरवरी को मतदान होना है. डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, रावलपिंडी की अदियाला जेल में न्यायाधीश मोहम्मद बशीर द्वारा सुनाई गई सजा, जहां इमरान खान कैद हैं. यह फैसला 71 वर्षीय इमरान को साइफर मामले में 10 साल की जेल की सजा सुनाए जाने के एक दिन बाद आया है. उनकी पत्नी बुशरा बीबी फैसला सुनाने के वक्त अदालत में मौजूद नहीं थीं.

तोशाखाना मामला क्रिकेटर से नेता बने इमरान के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की एक श्रृंखला है, जिसमें कथित तौर पर विदेशी सरकारों से पद पर रहने के दौरान प्राप्त लाखों के उपहारों का फर्जी विवरण प्रस्तुत किया गया था.

फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने कहा कि इमरान खान और बुशरा बीबी को बचाव का अधिकार नहीं दिया गया.

सोशल साइट एक्स पर एक पोस्ट में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने कहा, ‘पाकिस्तान में किसी भी मौजूदा कानून को 2 दिनों में पूरी तरह से नष्ट कर दिया जाएगा. इमरान खान और बुशरा बीबी को एक और कंगारू मुकदमे का सामना करना पड़ा है, जिसमें दोनों को बचाव का कोई अधिकार नहीं दिया गया था. साइफर मामले की तरह इस मामले का भी किसी ऊंची अदालत में टिकने का कोई आधार नहीं है. यह शर्मनाक है कि कानून की पूरी तरह से अवहेलना और मजाक बनाया जा रहा है.’

मालूम हो कि बीते 30 जनवरी को इमरान खान को आधिकारिक राज्य रहस्यों (Official State Secrets) को उजागर करने के आरोप में 10 साल जेल की सजा सुनाई गई थी. इस मामले, जिसे साइफर मामला भी कहा जाता है, में उन्हें देश की गोपनीयता भंग करने का दोषी माना गया है.

उनकी पार्टी के एक प्रवक्ता ने कहा था, ‘इमरान खान और पार्टी के उपाध्यक्ष (शाह महमूद) कुरेशी को साइफर मामले में 10-10 साल की जेल की सजा सुनाई गई है.’

इमरान को भ्रष्टाचार का दोषी ठहराए जाने के बाद अगस्त 2023 में तीन साल की सजा सुनाई गई थी, लेकिन एक अदालत ने उस जेल अवधि को निलंबित कर दिया था.

डीडब्ल्यू की रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर 2023 में देश के रहस्यों को उजागर करने के लिए दोषी ठहराए जाने के बाद से इमरान और कुरेशी ने खुद को निर्दोष बताया था.

इमरान को दिसंबर 2023 में मामले में जमानत दे दी गई थी, लेकिन अप्रैल 2022 में अविश्वास मत में प्रधानमंत्री के पद से हटाए जाने के बाद से वह कई अन्य कानूनी परेशानियों का सामना कर रहे थे, जिसके कारण वह सलाखों के पीछे ही रहे.

इमरान खान ने दावा किया है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों का उद्देश्य उन्हें आगामी चुनाव में भाग लेने से रोकना था. उन्होंने यह भी कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ उनके करीबी संबंधों को लेकर अमेरिका समर्थित साजिश के तहत उन्हें निशाना बनाया गया है.

जनवरी के मध्य में एक पाकिस्तानी अदालत ने फैसला सुनाया था कि उनकी पार्टी को अपना क्रिकेट बैट चुनाव चिह्न हटा देना चाहिए, जिससे उम्मीदवारों को अपने प्रसिद्ध चिह्न के बिना स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा, जिससे कई अशिक्षित मतदाताओं को पार्टी की पहचान करने में मदद मिली.

इमरान खान 2018 में प्रधानमंत्री बने थे, लेकिन अप्रैल 2022 में अविश्वास प्रस्ताव के जरिये उनको सत्ता से हटा दिया गया था.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *