देहरादून/मसूरी। कमीशन की काली कमाई के लिए नियमों को ताक पर रखकर मसूरी में मनमानी करते आ रहे पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता पर अब सरकार की नजरें भी टेढ़ी होने लगी हैं। मासोनिक लॉज के नाम पर करोड़ों के घोटाले को अंजाम देने वाले अनुज गुप्ता , पूर्व अधिशासी अधिकारी यूडी तिवारी व वर्तमान ईओ राजेश नैथानी पर जांच का घेरा कसने लगा है। जांच के दायरे में एमडीडीए के भ्रष्ट अभियंता भी हैं। शासन ने मासोनिक लॉज में पार्किंग की आड में मुख्यमंत्री का नाम लेकर अवैध रूप से सात मंजिला आवासीय व व्यावसायिक भवन खड़ा करने की उच्च स्तरीय जांच बैठा दी हैं।
शासन ने मंडलायुक्त को बिना नक्शा पारित कराए मल्टीस्टोरी बिल्डिंग का निर्माण की विस्तृत जांच कर इस घोटाले में संलिप्त भ्रष्ट अधिकारियों की शिनाख्त करने के आदेश जारी किए हैं। इस प्रकरण की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि शासन के निर्देश के बाद मंडलायुक्त स्तर पर गत दिनों आयोजित एक बैठक में गंभीर चिंता जाहिर की गई। अब अपर मंडलायुक्त ने मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण को पत्र लिखकर वर्ष 2011 से अब तक उन सभी अभियंताओं व सुपरवाइजर्स से स्पष्टीकरण तलब किया है जिनके कार्यकाल में मासोनिक लॉज में बिना नक्शा पारित कर पार्किंग की आड़ में नगर पालिका मसूरी द्वारा बहु मंजिला भवन का निर्माण कर लिया गया। अपर मंडलायुक्त ने एमडीडीए से इस प्रकरण में शामिल रहे अधिकारियों से 31 मई तक अपना-अपना जवाब दाखिल करने को कहा है। बकायदा एमडीडीए द्वारा करीब दर्जन भर अभियंताओं व सुपरवाइजर की सूची नाम के साथ मंडल आयुक्त को सौंप दी गई है।
आवास विकास विभाग से जुड़े शासन में पदासीन एक अधिकारी ने बताया कि शासन में उच्च स्तर पर पार्किग की आड़ में मुख्यमंत्री की घोषणा का हवाला देकर नगर पालिका द्वारा गैरकानूनी तरीके से बिना नक्शा पास कराकर बहुमंजिला आवासीय भवन के निर्माण करने को गंभीरता से लिया है, जिस तरीके से उक्त निर्माण किया गया है वह कभी भी दर्जनों लोगों की जान के लिए खतरा बन सकता है।
अधिकारी के अनुसार इस मामले में जल्द ही जांच के बाद मुकदमा दर्ज होकर दोषी अधिकारियों को जेल भी जाना पड़ सकता है। उच्च स्तर पर ये भी सुगबुगाहट है कि निकाय चुनाव से पहले इस पूरे घोटाले के मास्टरमाइंड पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता को बर्खास्त किया जा सकता है।