नई दिल्ली: रक्षा मंत्रालय ने सभी मीडिया चैनलों, डिजिटल प्लेटफॉर्म और व्यक्तियों को सख्त एडवाइज़री जारी की है, जिसमें उनसे रक्षा अभियानों और सुरक्षा बलों की आवाजाही की लाइव कवरेज या रियल टाइम रिपोर्टिंग से परहेज करने का आग्रह किया गया है.
एडवाइज़री में कहा गया है कि ऐसी संवेदनशील या स्रोत-आधारित जानकारी का खुलासा अभियान को प्रभावित करता है और जान को खतरे में डाल सकता है.
मंत्रालय ने कारगिल युद्ध, 26/11 मुंबई हमले और कंधार अपहरण जैसी पिछली घटनाओं को समय से पहले या अनियंत्रित रिपोर्टिंग से उत्पन्न खतरों को उदाहरण के रूप में उल्लेख किया है.
इसमें कहा गया है कि ‘केबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियम, 2021 के खंड 6(1)(पी) के अनुसार, आतंकवाद विरोधी अभियानों के दौरान केवल नामित अधिकारियों द्वारा आवधिक ब्रीफिंग की अनुमति है. सभी हितधारकों से आग्रह किया जाता है कि वे राष्ट्र की सेवा में उच्चतम मानकों को बनाए रखते हुए कवरेज में सतर्कता, संवेदनशीलता और जिम्मेदारी बरतें.’
मंत्रालय ने मीडिया संगठनों और व्यक्तियों से पूर्ण सहयोग करने और यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया है कि आधिकारिक रूप से जारी होने तक ऑपरेशन विवरण गोपनीय रखें.
मालूम हो कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकवादी शिविरों पर किए गए हमलों के बाद बुधवार (8 मई) को जम्मू कश्मीर के नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की गोलीबारी में 13 नागरिकों की जान चली गई और 59 लोग घायल हुए थे.
गुरुवार (9 मई) को पाकिस्तान ने उधमपुर, जम्मू और पठानकोट में भारतीय सैन्य ठिकानों को ड्रोन और मिसाइलों से निशाना बनाया. भारत के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इन हमलों को नाकाम कर दिया और किसी भी तरह के जान-माल का नुक़सान नहीं हुआ.