देहरादून/मसूरी। उत्तराखण्ड शासन के तय दिशा-निर्देशों के उलट नगर पालिका के भ्रष्टाचार से जुड़ी याचिकाओं पर वकीलों को लाखों रूपये का गैरकानूनी भुगतान किए जाने के खिलाफ अब उत्तराखण्ड सरकार के वित्त विभाग ने जांच के आदेश दिए हैं।
शेखर पाण्डे की शिकायत का संज्ञान लेते हुए वित्त विभाग ने शहरी विकास विभाग के अपर सचिव को मामले की प्राथमिकता के साथ जांच कर रिपोर्ट तलब की है। वित्त विभाग के अपर सचिव डा इकबाल अहमद की ओर से शहरी विकास विभाग से शिकायत की जांच करने को कहा है। बता दें कि उत्तराखण्ड शासन द्वारा नगर निकायों के हाईकोर्ट व निचली अदालतों में वादों की पैरवी करने के लिए फवकीलों के पैनल गठित किए गए हैं, जिनकी सेवाएं ली जा सकती हैं। यहीं नहीं अगर कोई पालिका जरूरत के हिसाब से वकील नियुक्ति करना चाहती है तो उसके लिए भी चार हजार रूपये प्रति जवाबनामा दाखिल/पैरवी निर्धारित की गई है। इसके उलट मसूरी पालिका की ओर से हाईकोर्ट में वकीलों को डेढ़-डेढ़ लाख रूपये एक पैरवी का भुगतान किया जा रहा है।
अनुज गुप्ता अपने खिलाफ लगने वाले भ्रष्टाचार के मामलों की पैरवी के लिए अब तक एक वकील को लाखों का भुगतान नियमों के विपरीत जाकर कर चुका है। नगर पालिका के खाते से लाखों का भुगतान कर अनुज गुप्ता कोर्ट कचहरी के इस खेल का मजा कब तक ले सकते हैं, यह देखने वाली बात होगी।