नैनीताल/मसूरी। हाईकोर्ट द्वारा एक्टिविस्ट शेखर पांण्डेय की याचिका पर मासोनिक लॉज के अवैध निर्माण को लेकर मंगलवार आज शासन, एमडीडीए व पालिका को नोटिस जारी किए हैं। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में डबल बेंच में मामले की सुनवाई हुई।
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान अदालत ने याचिकाकर्ताआंें के खिलाफ ऐसी कोई टिप्पणी या मंशा पर कोई प्रतिकूल सवाल नहीं कियां। इसके उलट अदालत ने पालिका की दलीलों को खारिज करते हुए न केवल याचिकाकर्ता को इस प्रकरण में पहले से चली आ रही पीआईएल के साथ पक्षकार बना लिया, बल्कि आवास व दुकानों के आवंटन पर रोक को भी बरकरार रखा है।
हाईकोर्ट के आदेश की आड़ लेकर एक कथित पत्रकार ने तो चाटुकारिता की सारी हदें ही पार कर लीं। हाईकोर्ट में जो कुछ हुआ ही नहीं, उसने जो खबर चाटुकारिता में पेश की, उसमें बताया गया कि कोर्ट ने याचिकर्ताओं को फटकार लगाते हुए कहा है कि जनहित के काम में अदालत कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी। मसूरीआजतक नाम के पोर्टल ने गुप्ता की भक्ति में जो खबर परोसी है उसमें पूरी धूर्तता के साथ यह छुपा लिया गया कि जब कोर्ट जनहितकारी कार्य में हस्तक्षेप नहीं करती तो फिर हाईकोर्ट ने मासोनिक लॉज की दुकानों व आवासों के आवंटन पर रोक क्यों लगा रखी है? आवंटन पर यह रोक पिछले चार महीनों से लगी हुई है और आज के फैसले में भी कोर्ट ने आवंटन पर लगी रोक को यथावत बरकरार रखा है।
गुप्ता की चाटुकारिता में अंधे इन कथित पत्रकारों को इसकी चिंता नहीं है कि मासोनिक लॉज जैसे अवैध निर्माण कभी भी सैकड़ों लोगों की जान ले सकते हैं।