नई दिल्ली। इस समय जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी राम मंदिर के उद्घाटन समारोह को अपने राजनीतिक लाभ के लिए भुनाने की कोशिश कर रहे हैं ऐसे में राहुल गांधी देश के युवाओं को असल मुद्दों से रूबरू करवा रहे हैं।
भारत जोड़ो न्याय यात्रा से पहले शुक्रवार 12 जनवरी को राहुल गांधी देश के युवाओं से मुखातिब हुए। इस दौरान उन्होंने सत्ताधारी पार्टी बीजेपी पर करारा वार करते हुए कहा कि वास्तविक चिंताओं को किनारे रखकर राजनीतिक लाभ के लिए भावनात्मक मुद्दों का इस्तेमाल करना धोखे के समान है। उन्होंने राम मंदिर का जिक्र किए बिना युवाओं से कहा कि वे तय करें कि उन्हें कैसा देश चाहिए।
12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की जयंती मनाई जाती है और इस दिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के तौर पर भी मनाया जाता है। इस मौके पर राहुल युवाओं को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि “क्या हमारे सपनों के भारत की पहचान जीवन की गुणवत्ता से होगी या भावनात्मकता से? भड़काऊ नारे लगाने वाले युवा या लाभकारी रोजगार प्राप्त युवा? प्रेम या घृणा?”
राहुल ने शुक्रवार को नागरिक समाज संगठनों और जन आंदोलनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और उनकी चिंताओं और भागीदारी के तरीकों पर चर्चा की। बैठक में दलितों, आदिवासियों, ओबीसी और महिलाओं पर अत्याचार और बेरोजगार युवाओं, छोटे व्यवसायियों और असंगठित मजदूरों की समस्याओं जैसे मुद्दे उठाए गए।
उन्होंने सभी सुझावों का स्वागत करते हुए न्याय यात्रा के जरिये न्याय की लड़ाई लड़ने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि न्याय के लिए सभी प्रचारक यात्रा को एक मंच के रूप में उपयोग करें और यात्रा में साथ आयें।
उन्होंने युवाओं को समझाया कि आरएसएस, भाजपा और मोदी सरकार किस तरह युवाओं, गरीबों और दूसरे नागरिकों के साथ अन्याय कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि न्याय के लिए लड़ने वाले सभी लोगों के बीच चाहे वो राजनीतिक दल हों या दूसरे संगठन उनमें आपसी साझेदारी होना बहुत ज़रूरी है।
राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ 14 जनवरी से मणिपुर में शुरू होगी। यात्रा 15 राज्यों से होकर गुजरेगी, इस दौरान राहुल 6,317 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे और लगभग 66 दिनों के बाद यह यात्रा मुंबई में खत्म होगी। इससे पहले राहुल गांधी ने कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा निकाली थी जिसमें उन्होंने 4,000 किलोमीटर की दूरी तय की थी।