शराब घोटाले में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरोध में आम आदमी पार्टी सड़कों पर उतर आई है। विपक्षी दल भी इस विरोध-प्रदर्शन के समर्थन में हैं। दिल्ली से लेकर जयपुर, लखनऊ, चंडीगढ़ और मुंबई में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी के नेता-कार्यकर्ता के साथ ही दिल्ली सरकार के मंत्रियों ने भी विरोध-प्रदर्शन में भाग लिया। विरोध कर रहे पार्टी के वरिष्ठ नेता आतिशी और सौरभ भारद्वाज को हिरासत में लिया गया है। इसके साथ ही इमरान हुसैन और पंजाब के मंत्री हरजोत बैंस को भी डिटेन किया गया है। पार्टी के कार्यकर्ता आईटीओ पर धरने पर बैठे हैं।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली शराब घोटाले मामले में गुरुवार शाम को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था। ईडी की टीम कल शाम अरविंद केजरीवाल के आवास पर पहुंची थी। करीब दो घंटे की पूछताछ और आवास पर तलाशी के बाद ईडी ने केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया था।
शराब घोटाले में गिरफ्तार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल राउज एवेन्यू कोर्ट पहुंच गए हैं। वह फिलहाल कोर्टरूम में हैं और मामले की सुनवाई शुरू हो गई है। केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी पेश हो रहे हैं। ईडी की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू बहस करेंगे। वहीं, गिरफ्तारी के खिलाफ केजरीवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की विशेष पीठ के समक्ष भी सुनवाई होनी थी। लेकिन केजरीवाल ने अपनी याचिका वापस ले ली है।
डरा हुआ तानाशाह एक मरा हुआ लोकतंत्र बनाना चाहता है: राहुल गांधी
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि “डरा हुआ तानाशाह, एक मरा हुआ लोकतंत्र बनाना चाहता है। मीडिया समेत सभी संस्थाओं पर कब्ज़ा, पार्टियों को तोड़ना, कंपनियों से हफ्ता वसूली, मुख्य विपक्षी दल का अकाउंट फ्रीज़ करना भी ‘असुरी शक्ति’ के लिए कम था, तो अब चुने हुए मुख्यमंत्रियों की गिरफ्तारी भी आम बात हो गई है। INDIA इसका मुंहतोड़ जवाब देगा।”
हम डरने वाले नहीं बल्कि लड़कर जीतने वाले लोग हैं: तेजस्वी यादव
राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि “दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल जी की गिरफ़्तारी से साफ ज़ाहिर है कि विपक्ष से लोकतांत्रिक तरीके से लड़ने की बजाय बीजेपी जांच एजेंसियों एवं अन्य संवैधानिक संस्थानों की आड़ और पुरजोर मदद से चुनाव लड़ना चाहती है। राजनैतिक, लोकतांत्रिक व संवैधानिक नैतिकता एवं मर्यादाओं को NDA सरकार ने तार-तार कर देश पर अघोषित आपातकाल थोप दिया है। हम सभी मज़बूती से दिल्ली के लोगों की अति लोकप्रिय सरकार के साथ खड़े हैं। जैसा की हम सब ने पटना व मुंबई से खुल कर ऐलान किया था – हम डरने वाले नहीं बल्कि लड़कर जीतने वाले लोग हैं।”
ये गिरफ़्तारी एक नयी जन-क्रांति को जन्म देगी: अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि “भाजपा जानती है कि वो फिर दुबारा सत्ता में नहीं आनेवाली, इसी डर से वो चुनाव के समय, विपक्ष के नेताओं को किसी भी तरह से जनता से दूर करना चाहती है, गिरफ़्तारी तो बस बहाना है। ये गिरफ़्तारी एक नयी जन-क्रांति को जन्म देगी।”
यह लोकतंत्र पर सरासर हमला है: ममता बनर्जी
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि “मैं जनता द्वारा चुने गए दिल्ली के मौजूदा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करता हूं। मैंने अपना अटूट समर्थन और एकजुटता बढ़ाने के लिए व्यक्तिगत रूप से श्रीमती सुनीता केजरीवाल से संपर्क किया है। यह अपमानजनक है कि निर्वाचित विपक्षी मुख्यमंत्रियों को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है और गिरफ्तार किया जा रहा है, जबकि सीबीआई/ईडी जांच के तहत आरोपी व्यक्तियों को भाजपा के साथ गठबंधन करने के बाद अपने कदाचार जारी रखने की अनुमति दी जा रही है। यह लोकतंत्र पर सरासर हमला है।”
“आज, हमारा भारतीय गठबंधन चुनाव आयोग से मिलकर विशेष रूप से एमसीसी अवधि के दौरान विपक्षी नेताओं को जानबूझकर निशाना बनाने और गिरफ्तार करने पर अपनी कड़ी आपत्ति व्यक्त करेगा। इस प्रयोजन के लिए, मैंने डेरेक ओ ब्रॉयन और नदीमुल हक को नामित किया है।”
मुंबई में भारी संख्या में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर केंद्र सरकार और ईडी के विरोध में नारेबाजी कर रहे हैं। यहां आप कार्यकर्ताओं ने मुंबई में ईडी ऑफिस के बाहर प्रदर्शन करने की योजना बनाई थी। लेकिन मुंबई पुलिस ने इसकी इजाजत नहीं दी। पुलिस ने सभी प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें मझगांव कोर्ट लेकर गई, जहां उन्हें अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा।
जयपुर में BJP हेडक्वार्टर के बाहर प्रदर्शन कर रहे AAP कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरोध में जयपुर में भी आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। यहां पार्टी कार्यकर्ता विरोध करते हुए बीजेपी के प्रदेश मुख्यालय तक पहुंच गए। यहां आम आदमी पार्टी के कुछ कार्यकर्ता बीजेपी हेडक्वार्टर के भीतर पहुंच गए। इस वजह से पुलिस ने इन पर लाठीचार्ज किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प भी हुई, जिन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
आम आदमी पार्टी (आप) सुप्रीमो और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ईडी द्वारा गिरफ़्तारी का पंजाब में ज़बरदस्त विरोध हो रहा है। सूबे में जगह-जगह ‘आप’ कार्यकर्ताओं ने रोष-प्रदर्शन किए। गिरफ़्तारी के मद्देनज़र पंजाब में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। राज्य में आम आदमी पार्टी की सरकार है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक्स के जरिए ट्वीट कर कहा कि केंद्र सरकार अरविंद केजरीवाल की सोच को नहीं दबा सकती। आम आदमी पार्टी ही भाजपा को रोक सकती है। मुख्यमंत्री कहते हैं, “इस नाजायज़ गिरफ़्तारी का हर स्तर पर पुरज़ोर विरोध किया जाएगा।”
कैबिनेट मंत्री और अमृतसर से ‘आप’ के उम्मीदवार कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली में ग़रीब लोगों को इलाज़ व शिक्षा पहुंच रहे थे। भाजपा को यह रास नहीं आया और अरविंद केजरीवाल को गिरफ़्तार करवा दिया गया।
पंजाब के कैबिनेट मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ के मुताबिक़ भाजपा में इस वक्त बौखलाहट है। जब पूरे देश में चुनाव का माहौल है और सभी को अपनी बात रखने का समय मिलना चाहिए; वहां इस तरह अरविंद केजरीवाल को गिरफ़्तार करके उनकी आवाज बंद करने की केंद्र सरकार कवायद कर रही है।
कांग्रेस के पंजाब प्रदेशाध्यक्ष राजा अमरिंदर सिंह वडिंग के मुताबिक, “अरविंद केजरीवाल भाजपा के खिलाफ एक बुलंद आवाज़ हैं। इसीलिए उन्हें गिरफ़्तार किया गया। कांग्रेस इसका पुरज़ोर विरोध करती है। इस मामले में हम ‘आप’ के साथ हैं।
नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा का कहना है कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ़्तारी का चौतरफा विरोध होना चाहिए। भाजपा की कोशिश हर विरोधी आवाज़ को खामोश करने की है। ‘आप’ पंजाब के कार्यकारी अध्यक्ष और विधायक प्रिंसिपल बुधराम के अनुसार पार्टी जिला मुख्यालयों से लेकर गांवों तक अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी का विरोध करेगी। बाकायदा साज़िश के तहत विपक्ष की आवाज़ को दबाया जा रहा है
अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी निन्दनीय है-भाकपा-माले
भाकपा (माले) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तारी की कड़ी भर्त्सना की है। इस घटना से मोदी सरकार के अघोषित आपातकाल में विपक्ष की आवाज को साजिशाना ढंग से दबाने एक और अध्याय जुड़ गया है।
झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के बाद अरविंद केजरीवाल दूसरे ऐसे चुने हुए मुख्यमंत्री हैं जिन्हें राजनीतिक कारणों से ऐसे आरोपों में जिन्हें साबित कर पाना भी मुश्किल होगा, गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के राज्य सभा सदस्य संजय सिंह भी जेल में हैं। जैसा कि मोदी राज में दस्तूर बन गया है, कि अभी तक न तो चार्जशीट बन पायी है और न ही मुकदमा चलने की कोई स्थिति है फिर भी इन नेताओं को जमानत नहीं मिल पायी है।
पिछले दस सालों में ईडी द्वारा लगाये गये मुकदमों में 95 प्रतिशत विपक्षी नेताओं पर लगे हैं। स्पष्ट है मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ बोलने वाले सभी विपक्षी दल व नेताओं को राजनीतिक बदले की भावना से फंसाया जा रहा है। भाजपा केन्द्रीय ऐजेन्सियों का दुरुपयोग विपक्ष के नेताओं को डराने-धमकाने के लिए इस्तेमाल कर रही है। इनमें गैर-भाजपा शासित राज्यों के नेताओं को खासतौर पर निशाना बनाया जा रहा है। अब तो कांग्रेस पार्टी का बैंक अकाउण्ट भी फ्रीज कर दिया गया है।
जब इलेक्टोरल बॉण्ड घोटाले में पूंजीपतियों से हजारों करोड़ जमा करने के आरोप में भाजपा खुद कठघरे में है, ऐसे में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी सवाल खडे करती है। सर्वोच्च न्यायालय ने इलेक्टोरल बॉण्ड को असंवैधानिक करार देकर उनका हिसाब मांग लिया है, तब यह तानाशाहाना गिरफ्तारी भी माहौल को बदलने में भाजपा के काम नहीं आ पायेगी।
लोकसभा चुनावों से ठीक पहले गिरफ्तारियां, धमकियां और परेशान करने वाली हरकतों से साफ हो गया है कि इस सरकार को लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की कोई परवा नहीं है। सरकार के भेदभाव वाले अलोकतांत्रिक कानूनों, धार्मिक उन्माद और हिंसा, जनता में बढ़ती आर्थिक असमानता एवं बेरोजगारी, और अमीरों व पूंजीपतियों के लिए जमा की जा रही अकूत सम्पत्तियों के खिलाफ जनता का गुस्सा बढ़ रहा है इसीलिए सरकार चुनावों से पहले विपक्ष पर लगातार हमले कर रही है।
भाकपा(माले) मांग करती है कि अरविंद केजरीवाल, हेमन्त सोरेन, मनीष सिसौदिया समेत सभी विपक्षी नेताओं को तत्काल रिहा किया जाय। पार्टी सभी विपक्षी दलों की एकता को और मजबूत करते हुए आम जनता के समर्थन से आगामी चुनावों में शासक पार्टी को करारी शिकस्त देने का आह्वान करती है।
केजरीवाल को तुरंत जमानत पर रिहा किया जाए- सीपीआई (एमएल) न्यू डेमोक्रेसी
ईडी ने स्पष्ट रूप से और खुले तौर पर केंद्र सरकार की कठपुतली के रूप में कार्य करते हुए, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया है। दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री और एक अन्य वरिष्ठ मंत्री पहले से ही मुकदमा शुरू हुए बिना लंबी जेल की सजा काट रहे हैं। संसदीय चुनावों की घोषणा पहले ही हो चुकी है और यह स्पष्ट है कि प्रवर्तन निदेशालय (ई डी) को विपक्षी नेताओं और पार्टियों को जेल भेजने और परेशान करने का आदेश दिया गया है, अगर वे भाजपा आरएसएस सरकार के सामने झुकने को तैयार न हों।
कथित दिल्ली शराब घोटाले की जांच एक तरह का अजूबा है। यह चुनाव दर चुनाव को लांघता जा रहा है; तेलंगाना चुनाव से पहले या उसके दौरान नहीं बल्कि लोकसभा चुनाव की घोषणा होने से पहले बीआरएस नेता कविता की गिरफ्तारी की आवश्यकता हो गई।
हाल के वर्षों में ईडी, सीबीआई और आईटी विभागों की भूमिका लोगों के सामने स्पष्ट हो गई है – केवल विपक्षी दलों के नेताओं को तब तक निशाना बनाना जब तक कि वे भाजपा आरएसएस व्यवस्था के आगे न झुक जाएं। जैसे ही राजनेता इस पार्टी में चले जाते हैं, उनके खिलाफ मामले ‘ड्राईक्लीन’ हो जाते हैं। इस प्रकार ये एजेंसियां आम नागरिकों की नजर में पूरी तरह से बदनाम और संदिग्ध हैं, और लोग मानते हैं कि वे केंद्र सरकार के उपकरण बन गए हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी का समय किसी भी सरकार के लिए बचाव योग्य नहीं है। दिल्ली के सीएम को तुरंत जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए। वह एक संसदीय दल के प्रमुख नेता भी हैं। केंद्रीय चुनाव आयोग को यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाना चाहिए कि सभी राजनीतिक दलों और उनके नेताओं के अधिकारों की समान रूप से रक्षा की जाए। महीनों-महीनों तक चल रही जांच में अचानक किसी राजनीतिक दल के मुख्य नेता, जो दिल्ली का सीएम भी हो, की गिरफ्तारी की जरूरत नहीं पड़ सकती। अरविंद केजरीवाल को तुरंत रिहा किया जाना चाहिए।