उत्तराखंड हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने चमोली जिले के जिला और सत्र न्यायाधीश धनंजय चतुर्वेदी को ‘पद का दुरुपयोग’ करने के आरोप में निलंबित कर दिया है. टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, रजिस्ट्रार जनरल अनुज कुमार संगल द्वारा जारी निलंबन आदेश में कहा गया है कि न्यायाधीश ने ‘अपने अधीनस्थों और अपनी अदालत में पेश होने वाले अधिवक्ताओं से उनके पक्ष में बयान के लिए अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया था. साथ ही उनके मातहत एक महिला कर्मचारी के कॉल-डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) भी प्राप्त किए थे, जो उनकी निजता के व्यक्तिगत अधिकार और किसी भी व्यक्ति के कॉल रिकॉर्ड को तलब करने से संबंधित कानून का उल्लंघन है.’ इससे पहले अप्रैल महीने में पाया गया था कि जब न्यायाधीश चतुर्वेदी की अदालत में साक्ष्य की रिकॉर्डिंग हो रही थी, तब वे वहां मौजूद नहीं थे. इसे लेकर उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. इसके जवाब में चतुर्वेदी ने कहा था कि उन्हें गुर्दे में पथरी की शिकायत है, जिसके चलते उन्हें बार-बार टॉयलेट जाना पड़ता है. उन्होंने कहा था कि जब भी वे उनकी सीट से उठे, रिकॉर्डिंग बंद करवा दी गई थी.
हालांकि हाईकोर्ट को मिले वीडियो में जज साक्ष्यों की रिकॉर्डिंग के दौरान अनुपस्थित थे. रजिस्ट्रार जनरल ने चतुर्वेदी के स्पष्टीकरण को ‘संतोषजनक नहीं’ पाया और कहा कि जांच करने के लिए आधार मौजूद हैं. हाईकोर्ट ने धनंजय चतुर्वेदी के खिलाफ आरोपपत्र जारी करके उत्तराखंड सरकारी सेवक (अनुशासन और अपील) नियम 2003 के नियम 7 के तहत नियमित जांच शुरू की है. बताया गया है कि निलंबन अवधि के दौरान चतुर्वेदी चंपावत के जिला एवं सत्र न्यायालय के कार्यालय से संबंद्ध रहेंगे .