वन भूमि से 429 अवैध धर्मस्थल हटाए, 388 मजारें और 41 मंदिर
देहरादून। उत्तराखण्ड में कथित लैंड जिहाद का राग अलाप रहे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अवैध धार्मिक स्थलों के खिलाफ वन महकमें की कार्रवाई से सामने आ रहे आकड़े ही आईना दिखा रहे हैं। वन विभाग के ताजा आकड़ों से पता चलता है कि वन भूमि पर अवैध धार्मिक स्थल निर्मित करने में मुस्लिम समुदाय के साथ हिन्दू भी कहीं पीछे नहीं हैं।
उत्तराखंड में वन क्षेत्र में अवैध कब्जों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। धर्मस्थल के नाम पर किए गए अतिक्रमण को ध्वस्त करने के लिए वन विभाग की टीम युद्धस्तर पर कार्य कर रही है। बीते एक माह में अभियान चलाकर कुल 429 अवैध धर्मस्थल हटा दिए गए। इनमें 388 मजार और 41 मंदिर शामिल हैं। अब तक वन विभाग 252 हेक्टेयर भूमि को कब्जामुक्त करा चुका है।
ऐसे में मुख्यमंत्री का लैड जिहाद के नाम पर पिछले कई महीनों से सुर्खियां बटोरना उनकी मंशा पर सवाल उठा रहा है। मजारों के नाम पर इस तरह लैंड जिहाद का राग अलाप कर धामी सामाजिक धु्रवीकरण की कोशिशों को ही आगे बढ़ा रहे हैं, लेकिन यह कोशिश उन्हें चुनावी फायदा पहुंचाएगी, कहना मुश्किल हैं। कर्नाटक में धु्रवीकरण की तमाम कोशिशें नाकाम साबित हो चुकी हैं। बेहतर तो यह होगा कि धामी इस तरह की सियासी बयानबाजी छोड़कर कुछ ऐसा करें जिसके लिए यह राज्य अस्तित्व में लाया गया है। भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देना उनकी प्राथमिकता होनी चाहिए। वे चाहे तो इसके लिए लोकायुक्त नाम की संस्था को पुर्नजीवित करें, ताकि भ्रष्ट नौकरशाहों व नेताओं पर नकेल कसी जा सके।