देहरादून। राजधानी देहरादून समेत राज्यभर में सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जों के खिलाफ एक ओर जहां नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश पर धामी सरकार समय-समय पर अभियान चलाने का दंभ भरती है, वहीं दूसरी ओर सरकार की नाक के नीचे गल्जवाड़ी ग्राम पंचायत की 50 बीधा से ज्यादा सरकारी भूमि पर एक पूर्व मुख्यमंत्री के ओएसडी की शह पर भू-माफिया जांच अधिकारियों पर दबाव बनाकर जमीन कब्जाने की कोशिश कर रहा है। बताया जाता है कि सरकार की नाक के नीचे माफिया के साथ मिलीभगत कर पर्दे के पीछे पूरा खेल एक पूर्व मुख्यमंत्री का ओएसडी द्वारा रचा जा रहा है। ओएसडी के साथ पूर्व मुख्यमंत्री का एक पीआरओ भी इस गोरखधंधे में शामिल बताया जाता है।
बाजार मूल्य के हिसाब से 100 करोड़ से अधिक की इस जमीन को कब्जाने की कोशिशों के खिलाफ ग्राम प्रधान लीला शर्मा ने बकायदा देहरादून पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया है।
पुलिस में दर्ज मुकदमें के अनुसार ग्राम पंचायत गल्जवाड़ी में ग्राम पंचायत की जमीन को कब्जाने के लिए भू-माफिया उन पर अनुचित दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है।
ग्राम प्रधान का कहना है कि माफिया द्वारा उन्हें जान से मारने की धमकी दी जा रही है। ग्राम प्रधान लीला शर्मा ने देहरादून कैंट थाना पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि भू-माफिया प्रदीप नेगी व दो अन्य व्यक्ति सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर प्लाटिंग कर उसे खुर्दबुर्द करने की कोशिश कर रहे हैं।
ग्राम प्रधान का कहना है कि उनके द्वारा सरकारी जमीन को खुर्दबुर्द करने का जब विरोध किया गया तो उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई। ग्राम प्रधान ने पुलिस से सुरक्षा की मांग करते हुए आरोपियों की गिरफतारी की मांग की गई है। इस जमीन में फर्जीवाड़े को लेकर एक मुकदमा की पुलिस पहले से ही जांच कर रही है। इस मामले में भी प्रदीप नेगी के खिलाफ जांच चल रही है।
बताया जाता है कि पूर्व मुख्यमंत्री के एक ओएसडी इस सरकारी जमीन को खुर्दबुर्द कराने के लिए जांच अधिकारी पर अनुचित दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। माफिया मुक्त प्रदेश का दावा कर रहे मुख्यमंत्री धामी की नाक के नीचे एक पूर्व सीएम का ओएसडी की सांठगांठ से करोड़ों की सरकारी जमीन खुर्दबुर्द करने का यह मामला राज्य में सियासी बवाल पैदा कर सकता है।