नई दिल्ली। यह बात सही है कि ज्यादातर लैटिन अमेरिकी देशों ने हमास के इजराइल पर हमले की निंदा की है। फिर भी बहुत सारे लैटिन अमेरिकी देशों ने आधिकारिक तौर पर हमले की निंदा करते हुए भी फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता जाहिर की है।
इजराइल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने पूरे गाजा पट्टी को सील कर हमास के शनिवार के हमले के जवाब में भीषण हमला शुरू कर दिया है। बुधवार तक आईडीएफ के इस आपरेशन में गाजा में 300 बच्चों समेत 1100 लोगों की मौत हो गयी थी जबकि और 5000 के करीब लोग घायल थे। झगड़ा फिलिस्तीन के दूसरे हिस्से वेस्ट बैंक तक बढ़ गया है। जबकि इजराइल की तरफ से आयी रिपोर्ट में वहां 1200 लोगों के मरने और 3000 के घायल होने की खबर है।
शनिवार को कोलंबिया के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि सरकार पूरी मजबूती के साथ आतंकवाद और नागरिक आबादी पर हमले की निंदा करती है। लेकिन एक दिन बाद ही उसका बयान बदल गया। नई प्रेस विज्ञप्ति में आतंकवाद शब्द नदारद था। और उसमें हमास क जिक्र नहीं था।
कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने रविवार को एक्स पर लिखा कि “अगर मैं 33 के जर्मनी में रहता तो मैं यहूदियों की तरफ से लड़ रहा होता।” और “अगर मैं 1948 में फिलिस्तीन में रहता तो फिलिस्तीनियों की तरफ से लड़ता”। अपने विवरण में पेट्रो ने दशकों पुराने विवाद की तुलना करते हुए कहा कि फिलिस्तीनियों ने भीषण अन्याय सहा है जैसा कि 1933 से यूरोप में नाजी सत्ता के दौरान यहूदियों ने सहा था।
कोलंबिया में इजराइल के राजदूत गली डागान पेट्रो के बयान पर भड़क गए। तकरीबन भड़के अंदाज में एक्स पर उन्होंने राष्ट्रपति की बात का जवाब देते हुए कहा कि 100 से ज्यादा नागरिकों का हमास की आतंकी सेना द्वारा उनके घरों से अपहरण कर लिया गया है। पेट्रो ने उसका जवाब देते हुए कहा कि कोलंबिया की सरकार इस बात को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि फिलिस्तीन और इजराइल के पूरे इलाके में एक भी बंधक नहीं होना चाहिए।
बोलविया की गहरी चिंता
इजराइल लैटिन अमेरिका के तकरीबन सभी देशों के साथ राजनयिक रिश्ता रखता है केवल क्यूबा, बोलविया और वेनेजुएला को छोड़कर। वेनेजुएला और बोलविया ने 2009 में ही इजराइल से अपना रिश्ता तोड़ लिया था। और ऐसा उन्होंने गाजा में आईडीएफ के मिलिट्री आपरेशन के विरोध में किया था।
शनिवार के हमले के बाद बोलविया सरकार ने गाजा पट्टी में इजराइल और फिलिस्तीन के बीच हिंसक घटनाओं पर गहरी चिंता जाहिर की। लेकिन इसके साथ ही उसने यूएन और सुरक्षा परिषद की अकर्मण्यता की भी निंदा की। इसके साथ ही उसने कहा कि एक संगठन जिसके पास शांति और मानवाधिकारों को आगे बढ़ाने का जिम्मा है इन परिस्थितियों के नतीजों को लगातार दरकिनार नहीं कर सकता है।
क्यूबा सरकार ने मौजूदा विवाद को फिलिस्तीनी लोगों के अलग न करने वाले अधिकारों का पिछले 75 वर्षों से हो रहे उल्लंघन और इजराइल के हमलावर और विस्तारवादी नीतियों का नतीजा बताया है।
वेनेजुएला की सरकार ने मुखर तौर पर शनिवार के हमले की निंदा नहीं की। लेकिन इजराइली और फिलिस्तीनी अधिकारियों के बीच बातचीत की जरूरत का आह्वान किया।
बुकेले ने हमास की निंदा की
अपने बहुत साथियों से बिल्कुल अलग एल सल्वाडोर के राष्ट्रपति नायिब बुकेले ने विशेष रूप से हमास पर केंद्रित किया। एक्स पर बुकेले ने कहा कि “ फिलिस्तीनी वंश परंपरा के साथ एक सल्वाडेरियन के तौर पर मैं इस बात को लेकर निश्चित हूं कि फिलिस्तीनियों के लिए जो सबसे अच्छी बात हो सकती है वह यह कि हमास वहां से बिल्कुल गायब हो जाए। वे वहशी जानवर फिलिस्तीनियों का प्रतिनिधि नहीं हो सकते हैं। कोई भी शख्स जो फिलिस्तीनियों के मामले का समर्थन कर रहा हो वह इन अपराधियों का साथ देकर बड़ी गलती करेगा।” बुकेले ने हमास की तुलना एल सल्वाडोर के गैंगों से की जो हिंसक लूट और रैकेटों की रक्षा, अपहरण, बलात्कार, हत्या और दूसरे अपराधों के लिए जिम्मेदार हैं।
अर्जेटीना के यहूदी समुदाय ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि “हम इजराइल के खिलाफ हमास आतंकी समूह के बर्बर, जानलेवा हमले की मजूबती के साथ निंदा करते हैं।”
लैटिन अमेरिका में रहने वाले 2 लाख यहूदी किसी एक लैटिन अमेरिकी देश में रहने वाली सबसे ज्यादा यहूदी आबादी है। एक्स पर अर्जेटीना के राष्ट्रपति अलबर्टो फर्नांडिस ने कहा कि इजराइल के खिलाफ गाजा पट्टी से हमास द्वारा किए गए आतंकी हमले की वह मजबूती से निंदा करते हैं।
चिली की सरकार ने भी इजराइल पर हमले की निंदा की। इसके साथ ही इजराइली लोगों के साथ उन्होंने एकजुटता भी स्थापित की।
एक प्रेस बयान में चिली के फिलिस्तीनी समुदाय ने कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय कानून और मानवाधिकार के लिए पूरा सम्मान के साथ शांतिपूर्ण समाधान की आशा करता है। उन्होंने कहा कि 75 सालों से फिलिस्तीनी लोगों के उनसे न अलग किए जाने वाले अधिकारों का व्यवस्थित तरीके से उल्लंघन हो रहा है। मध्य पूर्व के बाहर चिली फिलीस्तीनी आबादी के सबसे बड़े हिस्से का घर है।
ब्राजील जो इस समय सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष है, ने शनिवार के हमले की निंदा की है। एक बयान में ब्राजील के विदेशमंत्री ने युद्ध के आगे बढ़ने से रोकने के लिए एहतियात बरतने की अपील की है।
जबकि मैक्सिको की सरकार ने विवाद के राजनीतिक हल पर जोर दिया है। एक प्रेस विज्ञप्ति में उसके विदेश मंत्रालय ने कहा कि मैक्सिको व्यापक और निर्णायक तौर पर दो राज्य के समाधान के पक्ष में है। जिसके जरिये इजराइल के वैधानिक सुरक्षा चिंताओं की भी गारंटी हो सकती है। और फिलिस्तीनियों के आर्थिक पक्ष का भी। और दोनों एक दूसरे के आस-पास यूएन द्वारा पारित प्रस्तावों के तहत अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ रह सकते हैं।