लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान सदन में कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी ने कहा कि मैं महिला आरक्षण बिल के समर्थन में खड़ी हुई हूं। उन्होंने कहा कि भारतीय महिलाओं का सफर बहुत लंबा रहा है। आखिर महिलओं ने मंजिल को छूं ही लिया है। महिलाओं ने जन्म दिया, परिवार चलाया। महिलाओं ने पुरुषों के बीच तेज दौड़ लगाई और असीम धीरज के साथ अक्सर खुद को हारते हुए। लेकिन आखिरी बाजी में जीतते हुए देखा।
सोनिया गांधी ने आगे कहा कि भारतीय स्त्री के हृदय में महासागर जैसा धीरज है, उसने खुद के साथ हुई बेईमानी की कभी शिकायत नहीं की। सिर्फ अपने फायदे के बारे में कभी नहीं सोचा। उसने नदियों की तरह सबकी भलाई के लिए काम किया है। मुश्किल समय में हिमालय की तरह डंटी रही। स्त्री के धैर्य का अंदाजा लगाना नामुमकिन है। वह आराम को नहीं पहचानती और थकना भी नहीं जानती।
सोनिया गांधी ने कहा कि हमारे महान देश की मां स्त्री है। स्त्री ने सिर्फ हमें जन्म ही नहीं दिया है। अपने आंसू और खून पसीने से सींचकर हमें अपने बारे में सोचने लायक, बुद्धिमान और शक्तिशाली भी बनाया है। स्त्री की मेहनत, गरिमा और स्त्री की पहचान करने के बाद ही हम मनुष्यता की परीक्षा में पास हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस बिल को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी लेकर आए थे। उस समय ये बिल राज्यसभा में सात वोटों से गिर गया था। ये बिल राजीव गांधी का सपना था। बाद में पीएम पीवी नरसिम्हा राव के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ने इसे पारित कराया। इसका नतीजा है कि स्थानीय स्तर पर हमारे पास 15 लाख चुनी हुई महिला नेता हैं।
सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस बिल का समर्थन करती है। हमें इस बिल के पास होने की खुशी है, लेकिन एक चिंता भी है। मैं सवाल पूछना चाहती हूं कि पिछले 13 साल से महिलाएं राजनीतिक जिम्मेदारी का इंतजार कर रही हैं। अभी उनसे और इंतजार करने के लिए किया जा रहा है। 2 साल, 4 साल, 6 साल कितने साल का यह इंतजार हो। हमारी मांग है कि यह बिल तुरंत पास किया जाए। लेकिन जातिगत जनगणना कराकर एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण की व्यवस्था की जाए। सरकार को इसे पूरा करने के लिए जो कदम उठाने की जरूरत है, उसे उठाने चाहिए। इस बिल में देरी करना महिलाओं के साथ अन्याय होगा।