दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को न्यूज़क्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और मानव संसाधन प्रमुख अमित चक्रवर्ती की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। न्यूजक्लिक के वकीलों ने दावा किया कि इस मामले में सभी तथ्य झूठे हैं। दिल्ली पुलिस ने आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा और अखंडता से समझौता करने का आरोप लगाया है।
जस्टिस तुषार राव गेडेला ने पुरकायस्थ, चक्रवर्ती और दिल्ली पुलिस के वकीलों को 2 घंटे से अधिक समय तक सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा दर्ज यूएपीए एफआईआर को चुनौती के संबंध में अदालत तय करेगी कि नोटिस जारी करना है या नहीं।
गौरतलब है कि पुरकायस्थ और चक्रवर्ती ने अपनी याचिका में यूएपीए एफआईआर और ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उन्हें 10 अक्टूबर तक सात दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेजा गया था।
शुरुआत में, पुरकायस्थ की ओर से पेश होते हुए, वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दृढ़ता से तर्क दिया कि न्यूज़क्लिक संस्थापक को गिरफ्तारी का आधार नहीं बताया गया था। यूएपीए मामले में पुरकायस्थ और अन्य के खिलाफ आरोपों के बारे में अदालत को बताते हुए सिब्बल ने यह भी दावा किया कि उन्हें चीन से ‘एक पैसा’ भी नहीं मिला।