नैनीताल/देहरादून। नैनीताल हाई्रकोर्ट ने कोविड के नाम पर ठेकेदार को कथित नुकसान की भरपार्इ्र के नाम पर हरिद्वार की पंतद्धीप पार्किंग बिना टेंडर किए ही ठेकेदार को सेवा विस्तार देने के तर्क को खारिज करते हुए मामले की सीबीआई जांच के आदेश जारी किए हैं।
हरिद्वार निवासी अशोक कुमार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि सिंचाई विभाग ने बिना टेंडर कराए ही पंतद्धीप पार्किंग का ठेके की अवधि बढ़ा दी थी।
याचिकाकर्ता का कहना था कि कोविड के नाम पर नियम विरूद्ध ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए अधिकारियों ने मनमाने तरीके से ठेका अवधि बढ़ा दी थी। याचिकाकर्ता का आरोप है कि कमीशनखोरी के लिए अधिकारियों ने कोविड की आड़ में ठेकेदार से मिलकर यह खेल खेला। याचिकाकर्ता के तर्कों पर सहमति जताते हुए मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली डबल बेंच ने ठेकेदार पर जुर्माना लगाते हुए सीबीआई जांच के आदेश देते हुए पार्किंग के लिए नये सिरे से टेंडर निकालने के आदेश जारी किए हैं। हाईकोर्ट के आदेश के बाद सिंचाई विभाग के अधिकारियों में हडंकंप मचा हुआ है।
विदित हो कि सरकार का ऐसा कोई आदेश नहीं हैं जिसके तहत कोविड के नाम पर कथित नुकसान की भरपाई के लिए ठेकेदार को सेवा विस्तार या राजस्व में छूट देने का प्रावधान हो। सरकारी आदेश के मुताबिक केवल कोराना बीमारी के दौरा सम्पूर्ण लॉकडाउन की अवधि तीन माह के लिए ही राजस्व शुल्क की वसूली में छूट का प्रावधान केन्द्र व राज्य सरकार की ओर से किया गया था। हाईकोर्ट के इस आदेश की जद में स्थानीय निकायों से लेकर विभिन्न विभागों द्वारा नियम विरूद्ध कोविड के नाम पर ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने वाले भ्रष्ट अधिकारियों की धड़कने भी बढ गई हैं।