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राजस्थान हाईकोर्ट ने सोमवार को योग गुरु बाबा रामदेव को इस साल की शुरुआत में राजस्थान के बाड़मेर जिले में संतों की एक बैठक में की गई उनकी कथित मुस्लिम विरोधी टिप्पणियों पर उनके खिलाफ दर्ज एक एफआईआर के संबंध में 12 अक्टूबर को पुलिस पूछताछ के लिए पेश होने का निर्देश दिया। जस्टिस कुलदीप माथुर की पीठ ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए इस साल अप्रैल में उनके पक्ष में दिए गए अंतरिम आदेश की अवधि 16 अक्टूबर तक बढ़ा दी।
मामले की अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी। रामदेव के खिलाफ एफआईआर दो फरवरी को तारातार मठ में एक संत समागम के दौरान योग गुरु की टिप्पणियों से नाराज होकर बाड़मेर निवासी पथाई खान की शिकायत पर दर्ज की गई थी। एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि रामदेव ने हिंदू धर्म की तुलना इस्लाम और ईसाई धर्म से करते हुए दावा किया कि दोनों धर्म धर्मांतरण पर आधारित हैं जबकि हिंदू धर्म अपने अनुयायियों को अच्छा करना सिखाता है। कथित टिप्पणियों का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आया था जिसमें उन्हें कथित तौर पर मुसलमानों पर “आतंकवादी कृत्य” करने और “हिंदू महिलाओं का अपहरण” करने का आरोप लगाते हुए दिखाया गया था।
रामदेव पर आईपीसी की धारा 153 (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), धारा 295ए (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य, किसी भी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके उनकी धार्मिक भावनाओं को अपमानित करने का इरादा) और धारा 298 के तहत मामला दर्ज किया गया है।