नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन किए जाने की घोषणा के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को कहा कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति को करना चाहिए, प्रधानमंत्री को नहीं.
पिछले गुरुवार को एक बयान में लोकसभा सचिवालय ने घोषणा की थी कि नए संसद भवन का उद्घाटन 28 मई को प्रधानमंत्री मोदी करेंगे. सचिवालय के बयान में कहा गया था, ‘नए संसद भवन का निर्माण अब पूरा हो गया है और नई इमारत आत्मनिर्भर भारत की भावना का प्रतीक है.’ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी ट्वीट करके इस संबंध में जानकारी दी थी.
वहीं, इससे पहले भी विपक्षी दलों के सदस्यों ने पूछा था कि प्रधानमंत्री नए संसद भवन का उद्घाटन क्यों करेंगे. इनमें कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता असदुद्दीन ओवैसी, भाकपा महासचिव डी. राजा, राज्यसभा सांसद और राजद के वरिष्ठ नेता मनोज कुमार झा, कांग्रेस नेता उदित राज जैसे नाम शामिल थे.
बता दें कि नए संसद भवन के लोकसभा कक्ष में 888 सदस्य और राज्यसभा कक्ष में 300 सदस्य बैठ सकते हैं. दोनों सदनों की संयुक्त बैठक की स्थिति में लोकसभा कक्ष में कुल 1,280 सदस्यों को समायोजित किया जा सकता है.
प्रधानमंत्री ने 10 दिसंबर, 2020 को नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी. संसद का वर्तमान भवन 1927 में बनकर तैयार हुआ था और अब यह 96 साल पुराना है.
मालूम हो कि अनुमानित रूप से कुल 20,000 करोड़ रुपये की लागत के साथ सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत चार परियोजनाएं नया संसद भवन, सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का पुनर्विकास, तीन कॉमन केंद्रीय सचिवालय इमारतें और उपराष्ट्रपति का आवास किया जाना है.
इस परियोजना की घोषणा सितंबर 2020 में हुई थी, जिसमें एक नए त्रिभुजाकार संसद भवन का निर्माण किया जाना था. इसके निर्माण का लक्ष्य अगस्त 2022 तक था, जब देश ने स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाई थी. इस परियोजना के तहत साझा केंद्रीय सचिवालय 2024 तक बनने का अनुमान है.
यह योजना लुटियंस दिल्ली में राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर लंबे दायरे में फैली हुई है. केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) के मुताबिक नई इमारत संसद भवन संपदा की प्लॉट संख्या 118 पर स्थित है.