नैनीताल। ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में सोलर स्ट्रीट लाइट व डेकोरेटिव पोल की खरीद में करोड़ों के घोटाले की जांच को लेकर दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने अधिशासी अधिकारी हेमंत गुप्ता को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया है। उक्त मामले में अब 22 फरवरी को सुनवाई होगी। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली डबल बेंच कर ही है।
नगर पंचायत व ठेकेदार पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए देहरादून निवासी शेखर पाण्डेय ने हाईकोर्ट में उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता का आरोप है कि नगर पंचायत ने जैम पोर्टल पर गैरसैंण नगर क्षेत्र में सोलर स्ट्रीट लाइट व डेकोरेटिव पोल की स्थापना के लिए मिलीभगत कर मैसर्स स्काई टरबाइन नाम की फर्म को कई गुना अधिक दामों पर वर्क आर्डर जारी कर दिया गया। याचिकाकर्ता ने टेंडर में पुलिंग का भी आरोप लगाया है। याचिकाकर्ता का आरोप है कि जो सोलर लाइट दस से बीस हजार रूपये में राज्य के कई विभाग स्थापित कर रहे हैं उसके लिए गैरसैंण में 75 हजार से अधिक की धनराशि खर्च की जा रही है। इस तरह डेकोरेटिव पोल के लिए भी कई गुना अधिक भुगतान किया जा रहा है। आरोप है कि जो काम एक करोड़ से भी कम में हो सकता है उसके लिए कमीशनखोरी के लिए मिलीभगत कर 3 करोड़ 70 लाख रूपये से अधिक का भुगतान किया जा रहा है।
याचिकाकर्ता का कहना है कि जैम पोर्टल की आड़ में नगर पालिकाएं कमीशनखोरी के गोरखधंधे को संचालित कर रहे हैं। कमीशनखोरी के लिए मनमाने दामों पर पुलिंग के जरिये वर्कआर्डर जारी किए जा रहे हैं। याचिकाकर्ता का कहना है कि जैम पोर्टल के माध्यम से हाईकोर्ट प्रशासन भी सोलर लाइट समेत विभिन्न सामग्री की खरीद के लिए वर्क आर्डर जारी कर रहा है। हाईकोर्ट जिस दर पर खरीद कर रहा है वही सामान नगर पालिकाकाएं चार से छह गुना अधिक दामों पर खरीद कर रही हैं।। हाईकोर्ट परिसर में स्थापित सोलर लाइट और नगर पंचायत गैरसैंण द्वारा स्थापित सोलर लाइट के दामों में कई गुना का अंतर है। याचिकाकर्ता का कहना है कि गैरसैंण के अधिशासी अधिकारी हेमंत गुप्ता व योजना की टीएसी करने वाले अधिकारियों की मिलीभगत से करोड़ों के घोटाले को अंजाम दिया गया है।