नोबेल पुरस्कार विजेता प्रो. अमर्त्य सेन ने कहा कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने के प्रयास एक ‘धोखा’ है.उन्होंने सवाल उठाते हुए पूछा कि इस तरह की कवायद से किसे फायदा होगा. प्रो. सेन पश्चिम बंगाल के विश्व भारती स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि यह अभ्यास निश्चित रूप से ‘हिंदू राष्ट्र’ के विचार से जुड़ा हुआ है.
द हिंदू में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रख्यात अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने कहा, ‘मैंने आज अखबारों में देखा कि यूसीसी के कार्यान्वयन में और देरी नहीं होनी चाहिए. इतनी मूर्खतापूर्ण बात कहां से आ गई? हम हजारों वर्षों से इसके बिना हैं और भविष्य में भी इसके बिना रह सकते हैं.’
प्रो. सेन ने कहा कि ‘हिंदू राष्ट्र’ ही एकमात्र तरीका नहीं हो सकता, जिससे देश प्रगति कर सकता है और इन सवालों को व्यापक दृष्टिकोण से देखना चाहिए.
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘निश्चित रूप से हिंदू धर्म का इस्तेमाल या दुरुपयोग करने की कोशिश की जा रही है.’
साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि यूसीसी लागू करने की कोशिश उस मुद्दे को खुल्लमखुल्ला सामान्य बताने का प्रयास है, जो जटिल है और जिसे लेकर लोगों के बीच कई सारे मतभेद हैं.