नई दिल्ली: जुलाई में शुरू होने वाले नए सत्र से उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अपने छात्रों को भारत के 50 महापुरुषों के जीवन और समय के बारे में पढ़ाएगा. बोर्ड ने हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर, पंडित दीनदयाल उपाध्याय समेत 50 महान हस्तियों की जीवनियां अपने पाठ्यक्रम में शामिल की हैं, लेकिन देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जीवनी को छोड़ दिया गया है.
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नेहरू को बाहर करने के फैसले का बचाव करते हुए माध्यमिक शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी ने कहा, ‘नेहरू ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति नहीं दी थी, इसलिए उन्हें महापुरुषों की 50 जीवनियों की सूची से बाहर कर दिया गया है.’
सावरकर को शामिल करने के बारे में मंत्री ने कहा, ‘अगर हम छात्रों को सावरकर और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जैसे हमारे महान नेताओं के बारे में नहीं पढ़ाते हैं, तो हम उन्हें क्या सिखाएंगे? क्या हमें अपने बच्चों को भारत की महान हस्तियों के जीवन और समय से अवगत कराने के बजाय आतंकवादियों के बारे में बताना चाहिए?’