नई दिल्ली। न्यूजक्लिक से जुड़े दर्जनों पत्रकारों के ठिकानों पर दिल्ली पुलिस के छापे और फिर उनकी हिरासत और गिरफ्तारी के बाद न्यूयॉर्क टाइम्स का बयान आया है जिसमें उसने कहा है कि कोई भी सरकार अगर उसकी रिपोर्टिंग का इस्तेमाल पत्रकारों की आवाजों को दबाने के लिए कर रही है तो यह बेहद परेशान करने वाली बात होगी।
द स्क्रोल को दिए गए बयान में न्यूयॉर्क टाइम्स के प्रवक्ता ने कहा कि “स्वतंत्र पत्रकारिता तथ्यों का पीछा करते हुए आगे बढ़ती है”। उन्होंने कहा कि “हम लोगों ने एक व्यापक रिपोर्ट प्रकाशित की जिसमें उस नेटवर्क को दिखाया गया था जिसका चीनी हितों के साथ रिश्ता है। हम इसको लेकर बेहद परेशानी महसूस करेंगे और वह अस्वीकार्य होगा अगर कोई सरकार हमारी रिपोर्टिंग को पत्रकारों को चुप कराने के बहाने के तौर पर इस्तेमाल करेगी।”
यह बयान कविता कृष्णन का स्क्रोल पर एक लेख प्रकाशित करने के बाद आया है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक्टिविस्ट से न्यूजक्लिक के खिलाफ लगाए गए आरोपों जिसको उसने 5 अगस्त को प्रकाशित किया था, पर टिप्पणी करने के लिए संपर्क किया था। लेकिन उन्होंने टिप्पणी करने से इंकार कर दिया था। कृष्णन ने कहा कि उन्होंने अपना बयान देने से मना कर दिया था क्योंकि उनको इस बात का डर था कि यह खबर न्यूजक्लिक के पत्रकारों के उत्पीड़न मामले में आग में घी डालने का काम करेगी। अपने लेख में उन्होंने इस बात को चिन्हित किया है कि अब यह बात साफ हो गयी है, “शासन एनवाईटी की खबर को पत्रकारिता को आतंकवाद के समानांतर खड़ा करने के लिए इस्तेमाल कर रहा है।” इसके साथ ही उन्होंने सवाल उठाया कि न्यूज़पेपर ने अपनी खबर के बेजा इस्तेमाल को चुनौती क्यों नहीं दी?
अपनी रिपोर्ट में टाइम्स ने दावा किया था कि दुनिया में चीनी प्रोपोगंडा करने के लिए अमेरिकी निवासी टेक्नॉलाजी करोड़पति नेविल रॉय सिंघम के इर्द-गिर्द केंद्रित नेटवर्क से न्यूजक्लिक ने फंड हासिल किया है। इसमें आगे कहा गया था कि सिंघम चीनी सरकार की मीडिया मशीन के साथ नजदीकी से जुड़े हुए हैं और विभिन्न देशों में उसके पक्ष को बढ़ावा देते हैं।
तकरीबन दो सप्ताह बाद दिल्ली पुलिस ने आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए के तहत न्यूजक्लिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दिया था। मंगलवार को उन्होंने संगठन के कर्मचारियों और कंट्रीब्यूटर्स के दफ्तरों पर छापा मारा और एडिटर प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर हेड अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार कर लिया।
टाइम्स की रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद पुरकायस्थ ने कहा था कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का मुखपत्र होने का आरोप बेबुनियाद और तथ्यहीन है। बुधवार को एक बयान में मीडिया प्लेटफार्म ने फिर से दोहराया कि यह सिंघम से निर्देश नहीं लेता है।
न्यूज़क्लिक द्वारा हासिल होने वाला सारा फंड उचित बैंकिंग चैनल से संचालित किया जा रहा है और कानून के मुताबिक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से मान्यता प्राप्त प्रासंगिक प्राधिकृत संस्थाओं को रिपोर्ट किया जाता रहा है और इसके बारे में दिल्ली हाईकोर्ट की कार्यवाही में भी बताया जा चुका है। इसने न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट को पक्षपाती और फर्जी करार दिया था।