2022 में ईडी द्वारा अरबिंदो फार्मा लिमिटेड के संस्थापक को गिरफ्तार करने के पांच दिन बाद अरबिंदो फार्मा ने 5 करोड़ रुपये के चुनावी बांड खरीदे। तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी, भारत राष्ट्र समिति की एमएलसी कल्वाकुंतला कविता को प्रवर्तन निदेशालय ने 15 मार्च को दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति में मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने के आरोप के बाद गिरफ्तार किया था। अरबिंदो फार्मा लिमिटेड ने 52 करोड़ रुपये के चुनावी बांड खरीदे, जिनमें से 34.5 करोड़ रुपये भाजपा को मिले।
इस मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी कल 21मार्च को हो गयी है, जबकि दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया फरवरी 2023 से इसी मामले में जेल में हैं।
गुरुवार 21मार्च की शाम को सार्वजनिक किए गए चुनावी बांड डेटा से मामले में एक दिलचस्प विवरण सामने आया है। यह पता चला है कि एक कंपनी जिसका निदेशक कविता का सह-अभियुक्त है, और इस मामले में सरकारी गवाह बन गया था, ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किए जाने के पांच दिन बाद ही भारतीय जनता पार्टी को 5 करोड़ रुपये का दान दिया था।
हैदराबाद स्थित व्यवसायी पी सरथ चंद्र रेड्डी अरबिंदो फार्मा लिमिटेड के निदेशकों में से एक हैं, जिसकी स्थापना उनके पिता पीवी राम प्रसाद रेड्डी ने की थी। उन्हें 10 नवंबर, 2022 को शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था। 15 नवंबर को उनकी कंपनी अरबिंदो फार्मा ने 5 करोड़ रुपये के चुनावी बांड खरीदे थे। इसके तुरंत बाद, 21 नवंबर, 2022 को उन सभी को भाजपा ने भुना लिया। जून 2023 में सरथ इस मामले में सरकारी गवाह बन गया। नवंबर 2023 में, अरबिंदो फार्मा ने बीजेपी को 25 करोड़ रुपये और दिए।
कुल मिलाकर, कंपनी ने 52 करोड़ रुपये के चुनावी बांड खरीदे, जिनमें से 34.5 करोड़ रुपये भाजपा को मिले। अरबिंदो ने भारत राष्ट्र समिति को 15 करोड़ रुपये और तेलुगु देशम पार्टी को 2.5 करोड़ रुपये का दान भी दिया।
प्रवर्तन निदेशालय ने सरथ पर दिल्ली में शराब लाइसेंसिंग प्रक्रिया में रिश्वत लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आरोप लगाया, जब यह नीति 2021-22 में आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा कुछ महीनों के लिए लागू की गई थी। सरथ और कविता तेलुगु राज्यों के उन कई व्यक्तियों में से हैं जिन्हें प्रवर्तन निदेशालय ने “साउथ ग्रुप” कहा है।
प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप लगाया है कि साउथ ग्रुप में शामिल व्यक्तियों ने विजय नायर के माध्यम से आम आदमी पार्टी को लगभग 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी, जो पार्टी के संचार के प्रभारी थे। एजेंसी ने आरोप लगाया कि यह रकम दिल्ली में शराब कारोबार पर नियंत्रण हासिल करने के लिए दी गई थी और इस पैसे का इस्तेमाल आम आदमी पार्टी ने 2022 के गोवा विधानसभा चुनाव के दौरान किया था।
1 जून, 2023 को दिल्ली की एक अदालत ने सरथ को मामले में सरकारी गवाह बनने की अनुमति दी। “साउथ ग्रुप” के दो अन्य सदस्य, युवजन श्रमिका रायथू कांग्रेस पार्टी के ओंगोल सांसद मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी और उनके बेटे राघव भी मामले में सरकारी गवाह बन गए, जैसा कि दिल्ली स्थित व्यवसायी दिनेश अरोड़ा भी थे।
यह पहली बार नहीं है जब सरथ का नाम युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी के प्रमुख और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी के साथ जोड़ा गया है। 2012 में, जगन के खिलाफ एक मामले के सिलसिले में केंद्रीय जांच ब्यूरो के आरोप पत्र में सरथ का नाम लिया गया था। यह 2006 में आंध्र प्रदेश इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन के साथ एक भूमि बिक्री समझौते से संबंधित था, जिसने कथित तौर पर ट्राइडेंट लाइफ साइंसेज लिमिटेड को लाभ पहुंचाया था, जब सरथ इसके प्रबंध निदेशक थे। मामले की सुनवाई अभी भी चल रही है।
शराब नीति दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा नवंबर 2021 में पेश की गई थी और जुलाई 2022 में इसे खत्म कर दिया गया था। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने नीति में कथित अनियमितताओं पर मामला दर्ज किया था, जिसमें कहा गया था कि इसने कुछ शराब डीलरों को अधिमान्य उपचार के माध्यम से गुटबंदी की अनुमति दी थी। इसमें आरोप लगाया गया कि इन डीलरों ने शराब लाइसेंस के लिए 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी थी। प्रवर्तन निदेशालय ने बाद में आरोपी लोगों के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया।
प्रवर्तन निदेशालय ने 9 मार्च, 2023 को हैदराबाद स्थित व्यवसायी अरुण रामचंद्रन पिल्लई को गिरफ्तार करने के बाद मामले में कविता की कथित संलिप्तता की जांच शुरू की। निदेशालय ने कहा कि पिल्लई ने शराब नीति मामले में कविता के हितों का प्रतिनिधित्व करने की बात कबूल की है।
गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में गिरफ्तार होने वाले चौथे बड़े नेता हैं। इनसे पहले उनके नंबर दो मनीष सिसोदिया और बेहद करीबी संजय सिंह जेल पहुंच चुके हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने शराब नीति मामले में केजरीवाल से एक घंटे से भी ज्यादा वक्त तक पूछताछ की और उचित जवाब नहीं मिलने पर उन्हें अरेस्ट कर लिया। अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी के संयोजक भी हैं। आप में अध्यक्ष को संयोजक कहा जाता है।
यूं तो केजरीवाल पर गिरफ्तारी की तलवार लंबे समय से लटकी हुई थी, लेकिन जब गुरुवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने ईडी से यह पूछ लिया कि आखिर उसे केजरीवाल को गिरफ्तार करने से रोका किसने, तभी तय हो गया था कि अब गिरफ्तारी का वक्त बहुत नजदीक आ गया है।
केजरीवाल ने ही यह कहकर दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था कि उन्हें कम से कम लोकसभा चुनाव तक आश्वस्त किया जाए कि ईडी गिरफ्तार नहीं करे। उनकी अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने ईडी से केजरीवाल पर लगे आरोपों की फाइल मांग ली। जज ने फाइल देखी तो साफ कह दिया कि केजरीवाल को किसी तरह की राहत नहीं दी जा सकती है।
इसके बाद ईडी की लंबी-चौड़ी टीम केजरीवाल से पूछताछ करने पहुंच गई। इधर दिल्ली सीएम से ईडी पूछताछ कर रही थी, उधर आप कार्यकर्ता सीएम आवास के बाहर जुटने लगे। माहौल बिगाड़ा नहीं जा सके, इसके लिए तुरंत सुरक्षा का भारी बंदोबस्त कर दिया गया। फिर खबर आई कि ईडी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया है।
दिल्ली शराब नीति में गड़बड़ियों के मामले में ही अरविंद केजरीवाल का दाहिना हाथ माने जाने वाले और दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री रहे मनीष सिसोदिया, आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह समेत कई अन्य को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। अरविंद केजरीवाल को ईडी ने पिछले वर्ष 2023 के नवंबर से अब तक कुल नौ समन भेज चुकी थी, लेकिन केजरीवाल एक बार भी ईडी के पास नहीं गए। अब वो गिरफ्तार हो चुके हैं।
अरविंद केजरीवाल की दिल्ली सरकार ने 2021 में शुरू की गई अपनी शराब उत्पाद शुल्क नीति में कई बदलाव किए थे। नई नीति में शराब पीने की न्यूनतम उम्र को 25 वर्ष से घटाकर 21 वर्ष करना, सरकारी शराब ठेकों को पूरी तरह बंद करके सारे ठेके निजी हाथों में सौंपना और प्राइवेट वेंडरों को लिकर स्टोर का लाइसेंस जारी करना, विभिन्न शराब ब्रांडों के लिए रजिस्ट्रेशन के अलग-अलग मानदंड, दिल्ली के बाहर के क्षेत्रों में मूल्य निर्धारण जैसे कारकों को ध्यान में रखना शामिल था।
इसमें वार्षिक शराब वेंडिंग लाइसेंस शुल्क में भी उल्लेखनीय वृद्धि का प्रस्ताव था, इसे 8 लाख रुपये से बढ़ाकर 75 लाख रुपये किया गया था। दिल्ली सरकार ने शराब के खुदरा कारोबार से हाथ खींच लिया, प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से 849 निजी विक्रेताओं को लाइसेंस दिए। हालांकि, सरकार ने एक्साइ ड्यूटी की नई पॉलिसी को वापस लेने की घोषणा की। यह कदम लाइसेंसिंग प्रक्रिया में भ्रष्टाचार और पक्षपात के आरोपों के जवाब में उठाया गया था।कोविड महामारी के बीच भी उत्पाद शुल्क नीति का व्यापक विरोध हुआ था। टेंडरों के आवंटन के दौरान शराब लाइसेंसधारियों को बेजा लाभ पहुंचाने के आरोप लगे थे।
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति 2021-22 की जांच शुरू करवा दी। उन्होंने शराब नीति की जांच के दौरान नियमों के कथित उल्लंघन और प्रक्रियात्मक अनियमितताओं की जांच के लिए एक जांच का सुझाव दिया।
सक्सेना ने दिल्ली के शीर्ष नौकरशाह की एक रिपोर्ट के आधार पर औपचारिक रूप से केंद्रीय जांच ब्यूरो जांच की अपील की। रिपोर्ट में सिसोदिया पर नियमों को तोड़ने और शराब विक्रेता लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया गया था। सीबीआई ने उत्पाद शुल्क विभाग के प्रमुख उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और धोखाधड़ी और रिश्वतखोरी के लिए प्रक्रिया में शामिल अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया। जांच में संपत्ति की तलाशी शामिल थी और ईडी ने कुछ आप नेताओं पर योजना से लाभ उठाने का आरोप लगाया।
इससे अंततः सिसोदिया की कानूनी परेशानियां बढ़ीं और गिरफ्तारी हुई। फिर अक्टूबर, 2023 में आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह गिरफ्तार हो गए। दूसरी तरफ ईडी ने एक प्रेस नोट में अरविंद केजरीवाल को मामले में ‘साजिशकर्ता’ बताया था।
ईडी ने कहा है कि भारत राष्ट्र समिति की नेता के. कविता ने कथित तौर पर केजरीवाल और आप नेताओं मनीष सिसोदिया और संजय सिंह के साथ मिलकर नई शराब नीति तैयार की थी जो रद्द की जा चुकी है। कथित साजिश दक्षिण भारत के एक शराब लॉबी को फायदा पहुंचाने के लिए नई शराब नीति बनाने की बात थी। ईडी ने उस लॉबी को ‘साउथ लॉबी’ नाम दिया है।
प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार, नई शराब नीति के लिए आप और ‘साउथ लॉबी’ के बीच ₹100 करोड़ की डील हुई। ये पैसे आप को मिल भी गए। इसके बाद शराब के थोक कारोबार में निर्धारित 12 प्रतिशत कमीशन से रकम में से आधा यानी 6 प्रतिशत भी वापस आम आदमी पार्टी को दे दिया गया। केजरीवाल का नाम कुछ आरोपियों और गवाहों के बयानों में आया था। ईडी ने अपने रिमांड नोट और चार्जशीट में इसकी चर्चा की है।
मनीष सिसोदिया को शुरू में फरवरी 2023 में पहले सीबीआई ने और फिर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। बाद में उन्होंने दोनों मामलों में दिल्ली हाई कोर्ट से जमानत मांगी। हालांकि, 30 मई, 2023 को अदालत ने सीबीआई मामले में उनकी जमानत याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि उनका हाई-प्रोफाइल स्टेटस संभावित रूप से गवाहों को प्रभावित कर सकता है।
सिसोदिया के बाद आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को भी अक्टूबर, 2023 में गिरफ्तार कर लिया गया। इसी महीने ‘साउथ लॉबी’ से कनेक्शन के कारण बीआरएस नेता के. कविता को गिरफ्तार किया गया। दोनों लंबे समय से जेल में हैं और अब अरविंद केजरीवाल की भी बारी आ गई।
(जेपी सिंह वरिष्ठ पत्रकार हैं।)