July 27, 2024

कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के प्रमुख डेविड एबी ने कहा है कि सरकार खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में विदेशी हस्तक्षेप के आरोपों के संबंध में जानकारी छिपा रही है।समाचार आउटलेट सीबीसी ने बताया कि लिबरल नेता ने कहा कि सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री ने उनसे संपर्क कर कहा है कि ओटावा यह सुनिश्चित करना चाहता है कि प्रांत के पास अपने निवासियों को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक विवरण हों, “लेकिन अच्छी तरह से जानकारी साझा नहीं की गई है।”

एबी ने कहा, “मैं लगातार संघीय सरकार और संबंधित एजेंसियों पर इस नवीनतम घटना के बारे में जानकारी दबाये रखने की बजाय प्रांत के साथ साझा करने के लिए दबाव डाल रहा हूं।” उन्होंने कहा कि निज्जर की हत्या के बारे में वह जो कुछ भी जानते हैं वह “सार्वजनिक दायरे में” है।

उन्होंने कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा (सीएसआईएस) के निदेशक के साथ एक ब्रीफिंग को भी “निराशाजनक” बताया क्योंकि कोई ठोस जानकारी प्रदान नहीं की गई। एबी ने सीबीसी न्यूज पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा, “कुछ समय से, मेरी राय यह रही है कि ओटावा के पास जो जानकारी है… और उस जानकारी को उन प्रांतों तक संप्रेषित करने की क्षमता में अंतर है जहां हम वास्तव में जमीनी स्‍तर पर प्रतिक्रिया देने के लिए इसका उपयोग करके मामले में अंतर ला सकते हैं।”

एबी ने शुक्रवार को वैंकूवर में एक मीडिया सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि प्रवासी समुदायों की चिंताओं की बेहतर तरीके से रक्षा और समाधान करने के लिए संघीय खुफिया जानकारी की आवश्यकता है।

आरोपों से संबंधित सबूतों को साझा करने के एक स्पष्ट संदर्भ में, एबी ने संवाददाताओं से कहा, “हम ब्रिटिश कोलंबियाई लोगों को तभी सुरक्षित रख सकते हैं यदि हम एक साथ काम करते हैं। हम प्रवासी समुदायों, दुनिया के अन्य हिस्सों में घरेलू संबंध रखने वाले लोगों को विदेशी हस्तक्षेप से तब तक नहीं बचा सकते जब तक हम नहीं जानते कि यह (विदेशी हस्तक्षेप) हो रहा है।”

आरोपों से संबंधित सबूतों पर बोलते हुए, भारत-कनाडाई आपातकालीन तैयारी मंत्री हरजीत सिंह सज्जन ने इस सप्ताह कहा कि उनके लिए सबूतों के बारे में कुछ भी चर्चा करना “बहुत अनुचित” होगा क्योंकि पुलिस जांच चल रही है।

सज्जन ने सीबीसी रेडियो को बताया, “जब सबूत की बात आती है, तो पुलिस ही सबूत रखती है। और वे अकेले ही इस पर अगली कार्रवाई तय करते हैं।”

2021 की कनाडाई जनगणना के अनुसार, लगभग 22 प्रतिशत भारतीय वैंकूवर, सरे, केलोना, विक्टोरिया, ब्रिटिश कोलंबियाई आदि शहरों में फैले हुए हैं।

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