LiveLaw
भारतीय जनता पार्टी को कमल चुनाव चिह्न का आवंटन रद्द करने की मांग को लेकर मद्रास हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता, अहिंसा सोशलिस्ट पार्टी के संस्थापक टी रमेश ने चुनाव आयोग को दिए गए उनके अभ्यावेदन पर कार्रवाई नहीं किए जाने के बाद अदालत का रुख किया। अपनी याचिका में रमेश ने कहा कि राष्ट्रीय फूल होने के नाते कमल पूरे राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करता है और इस प्रकार एक राजनीतिक दल को कमल का प्रतीक आवंटित करना अन्यायपूर्ण है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी विशेष पार्टी को कमल का चिह्न आवंटित करना राष्ट्रीय अखंडता का अपमान है।
इसके अलावा रमेश ने कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव समानता पर आधारित है और इस प्रकार यदि एक पार्टी दूसरी पार्टी के साथ भेदभाव करती है तो यह घोर अन्याय होगा और संविधान के अनुच्छेद 14 के भी खिलाफ होगा। इस प्रकार रमेश ने दावा किया कि किसी भी भेदभाव से बचने के लिए भाजपा को आवंटित कमल चिह्न को रद्द करना होगा और यह चिह्न किसी भी राजनीतिक दल – मान्यता प्राप्त/पंजीकृत और स्वतंत्र – को आवंटित नहीं किया जाना चाहिए। जस्टिस भरत चक्रवर्ती और जस्टिस वी लक्ष्मीनारायणन की अवकाश पीठ से याचिकाकर्ता ने मामले पर तत्काल आधार पर विचार करने का अनुरोध किया था, लेकिन अदालत ने अनुरोध खारिज कर दिया।