देहरादून/नई टिहरी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के घोटालामुक्त शासन के दावे भी हवाई साबित हो रहे हैं। नगर पालिका टिहरी में जिस तरह से कमीशनखोरी के लिए घोटालों को अंजाम दिया जा रहा है उससे धामी के दावों पर पलीता लग रहा है। नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी हयात सिंह रौतेला भ्रष्टाचार में इस तरह गले तक डूबे हुए हैं कि दस्टबिन की खरीद में भी लाखों के घोटाले को अंजाम दे दिया है। बिडर के साथ मिलीभगत का यह खेला रौतेला पिछले काफी समय से खेल रहे हैं।
जैम पोर्टल के माध्यम से बिडर के साथ मिलीभगत कर पुलिंग के जरिये घोटालों को अंजाम दिया जा रहा है। कुछ समय पहले हयात सिंह रौतेला ने जैम पोर्टल के माध्यम से 14 हजार डस्टबिन की खरीद के लिए बिड जारी की। 12 लीटर के जो डस्टबिन बाजार में सौ से डेढ सौ रूपये में आसानी से उपलब्ध हैं उन डस्टबिन को होलसेल में 358 रूपये की दर से खरीदकर 54 लाख रूपये खर्च कर डाले। इस तरह जिन डस्टबिन को 15 से 20 लाख रूपये में खरीदा जा सकता था, उसके लिए 54 लाख रूपये खर्च किए गए। इस घोटाले की पुष्टि इस तथ्य से भी होती है कि एक ओर जहां 14 हजार डस्टबिन 358 रूपये की दर से रौतेला द्वारा खरीद की गई, वहीं दूसरी ओर नैनीताल हाईकोर्ट द्वारा 20 लीटर की मिलटन ब्रांड की बाल्टी मात्र 282 रूपये की दर से जैम पोर्टल से खरीदी गई। इसी तरह नगर पालिका झबरेड़ा द्वारा 12 लीटर के 3 हजार डस्टबिन की खरीद 148 रूपये की दर से जैम पोर्टल से की गई।
इस घोटाले को लेकर देहरादून निवासी अभिनव कुमार द्वारा एक शिकायती पत्र जिलाधिकारी टिहरी को भी प्रेषित किया गया गया। जिलाधिकारी के आदेश पर इस घोटाले की जांच के लिए एक कमेटी गठित की जा चुकी है। शिकायतकर्ता का कहना है कि अगर अपर जिलाधिकारी केके मिश्रा की अध्यक्षता वाली जांच कमेटी ने घोटाले की जांच ईमानदारी से नहीं की तो वे इस घोटाले की जांच की मांग को लेकर माननीय हाईकोर्ट की शरण में जाएंगे।