July 27, 2024

Dehradun, Mar 23 (ANI): Prime Minister Narendra Modi attending the oath-taking ceremony of Pushkar Singh Dhami as Chief Minister of Uttarakhand, in Dehradun on Wednesday. (ANI Photo)

देहरादून। दिसंबर मे प्रस्तावित इंवेस्टर्स समिट के माध्यम से सरकार ने ढाई लाख करोड़ का निवेश जुटाने का लक्ष्य तय किया है। सीएम पुष्कर सिंह धामी अफसरों के साथ देश-विदेश का दौरा करके उद्योगपतियों को बता रहे हैं कि उत्तराखंड में निवेश का बेहतरीन माहौल बनाया गया है। इसी का नतीजा है कि समिट से पहले ही अभी तक 90 हजार करोड़ के निवेश के करार हो चुके हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि पूरे निवेश को धरातल पर उतारकर उत्तराखड के औद्योगिक जगत को चमकाया जाएगा। इसकी अभी से तैयारियां चल रही हैं।

सरकार के हजारों करोड़ निवेश के वादों के बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या प्राइवेट कंपनियों द्वारा किए जा रहे ये दावे हकीकत की जमीन पर उतर भी पाएंगे या फिर ये दावे हवा-हवाई ही साबित होंगे? पूर्व में उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में भी करोड़ों रूपये खर्च कर पूरे गाजे-बाजे के साथ सरकारें इस तरह के दावे कर जनता को हसीन सपने दिखाती रही हैं, लेकिन धरातल पर कुछ नहीं हुआ।

उत्तराखंड में दिसंबर में निवेशक सम्मेलन का आयोजन प्रस्तावित है। इसके लिए सीएम धामी अपने अफसरों के साथ देश-विदेश का दौरा कर रहे हैं। सीएम धामी ने नई दिल्ली, लंदन और दुबई के साथ ही अहमदाबाद में जाकर उद्योग समूहों से मुलाकात की और कहा कि उत्तराखंड में निवेश के लिए एक बेहतर माहौल सरकार दे रही है। नीतियों में परिवर्तन करके उन्हें बेहद आसान बनाया जा चुका है। धामी ने इन स्थानों पर रोड शो के जरिए उत्तराखंड में निवेश की अपील की। अब तक लगभग नब्बे हजार करोड़ निवेश के करार विभिन्न उद्योग समूहों से हो चुके हैं। माना जा रहा है कि समिट होने तक सरकार अपने लक्ष्य से आगे निकल जाएगी। इस तरह के करार होने से धामी सरकार खासी उत्साहित है। सीएम धामी के निर्देश पर अफसरशाही ने भी अपनी कमर कस ली। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने तमाम संबंधित महकमों के आला अफसरान की एक बैठक में उद्योगों को सहूलियत देने की राह आसान करने का आदेश दिया है।
सीएम धामी ने कहा कि दुनियाभर के उद्योग समूह उत्तराखंड में निवेश में रुचि दिखा रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि दिसंबर में होने वाली समिट में उत्तराखंड तीन लाख करोड़ का निवेश हासिल कर लेगी। सरकार सभी निवेश करारों को जमीनी हकीकत में बदलने को कृत संकल्पित है। इस निवेश से सूबे में औद्योगिक माहौल और भी बेहतर होगा। इससे हजारों युवाओं को नए रोजगार के अवसर तो मिलेंगे ही, सूबे के राजस्व में भी खासी बढ़ोतरी होगी।
सीएम धामी के कहा कि निवेश के करारों को हर हाल में जमीन पर उतारा जाएगा। इसकी तैयारियां अभी से की जा रही हैं। पांच सौ करोड़ के अधिक निवेश वाले हर करार को अंजाम तक पहुंचाने के लिए एक-एक डेडीकेटिड अफसर की नियुक्ति की जा रही है। सरकार न छह हजार एकड़ जमीन पर की पहचान कर ली है। साथ ही कुमाऊं और गढ़वाल के मंडलायुक्तों को भी जमीन तलाशने के लिए कह दिया गया है। धामी ने कहा कि राज्य मे औद्योगिक माहौल को और भी बेहतर बनाया जा रहा है। यहां निवेश करने वालों को किसी भी तरह की कोई दिक्कत न हो, इसके लिए अफसरशाही को सख्त निर्देश दिए गए हैं। इस निवेश की हर गतिविधि पर वे खुद अपनी पैनी नजर बनाए हुए हैं।
हसीन सपने दिखाने से पहले मुख्यमंत्री धामी को यह बताना चाहिए कि पिछले सात सालों से जबसे बीजेपी सरकार उत्तराखण्ड में मोदी के साथ मिलकर डबल इंजन की सरकार चला रही है तबसे औद्योगिक क्षेत्र में कितने कारखाने स्थापित हुए और उनके कितना निवेश हुआ।कर्ज लेकर निवेश के नाम पर रोड-शो के नाम पर जो करोड़ों रूपये खर्च किए जा रहे हैं, कहीं वे राज्य पर भारी न पड़ जाए?

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